भाव के बगैर पूजा करना व्यर्थ हैःब्रह्म स्वरूपानंद
👉 मानव चेतना केंद्र आश्रम में कथा के छठे दिन महाराज ने किए प्रवचन
👉 गांव व दूर-दराज से आश्रम में पहुचे हजारों श्रद्धालुओं ने की कथा श्रवण

कैराना। मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ एवं शतचंडी महायज्ञ के छठे दिन महाराज ने महापुराण में बताया कि दान करने से धन कभी नही घटता। जो मनुष्य दान करते है उनके पास सदा धन बढ़ता है। जैसे किसान अपनी भूमि पर गेहूं के बीज बोता है और भूमि उसका कई गुना पैदा करती है वैसे ही जो मनुष्य जैसा दान करता है उसी हिसाब से उसके पास धन बढ़ता रहता है। 
         बुधवार को कैराना क्षेत्र के ऊंचागांव में स्थित मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही श्रीमद देवी भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ एवं शतचंडी महायज्ञ के छटे दिन स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने महापुराण में अपनी अमृतवाणी करते हुवे बताया कि जो कन्या या ब्राह्मण अंग हिंन होते है उसकी पूजा नही लगती। ऐसी कन्या या ब्राह्मण की पूजा नही करनी चाहिए। जहां शतचंडी महायज्ञ होता है उसकी सात परिक्रमा करनी चाहिए। इससे माता जगतजननी प्रश्न होती है। जो माता दुर्गा का नाम लेकर सकल्प करते है ओर माता शतचंडी का नियम अनुसार महायज्ञ कराते है इससे माता उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है।
      महाराज ने बताया कि गंगा नदी से कोई दूसरी पवित्र नदी नही है। जो मनुष्य सच्चे मन से गंगा नदी में स्नान करते है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है। तीर्थ स्थल पर बुरे काम नही करने चाहिए। दूषित भावना वाला मनुष्य गंगा में स्नान करने के बाद ही शुद्ध नही हो सकता। 
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👉 सत्संग सुनने से होती है मन की शुद्धि.....
सत्संग सुनने से मन की शुद्धि हो जाती है। दान करने से धन शुद्ध हो जाता है। ज्ञान से बुद्धि की शुद्धि होती है। जिनका मन शुद्ध होता है, उन्हें ही गंगा में स्नान करने से फायदा होता है। भाव के बगैर पूजा करने वाले कि पूजा नही लगती। मन के शुद्ध होने पर ही तीर्थ पर जाने का फायदा है। जान बूझकर कभी भी किसी का अपमान नही करना चाहिए। यदि हम किसी का अपमान करेंगे तो हमारा भी अपमान होगा। जो जैसा करता है उसे वैसा ही मिल जाता है। तीर्थ पर पहुचकर नीच मनुष्य का त्याग कर देना चाहिए। हमारे देश मे 68 तीर्थ है, 4 धाम है। हे माता जगत जननी मुझे ऐसे रग में रग लीजिए जैसे हाथ पर महंदी रग जाती है।
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👉 अहंकार मनुष्य की बुद्धि नष्ट कर देता है......
महाराज ने बताया कि मनुष्य को कभी अहंकार नही करना चाहिए। अहंकार मनुष्य की बुद्धि को नष्ट कर देता है जिसके कारण वह सदा मरता- जन्मता रहता है। महिसासुर भगवान की पूजा करते है और भगवान से अमर होने का वरदान माग लेते है। लेकिन भगवान कहते है अमर तो में भी नही हु, महिसासुर भगवान से वरदान माग लेते है कहते है मुझे कोई पुरूष ना मार सके। भगवान उन्हें वरदान दे देते है ओर अंतर ध्यान हो जाते है। इससे महिसासुर को स्वंम पर अहंकार हो जाता है। माता भगवती महिसासुर का वध कर देती है। इससे सभी देवी-देवता माता भगवती को नमन करते है। वही, सुदर भजनों के साथ गाव व दूर-दराज से आश्रम में पहुचे हजारों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की।
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👉 39 वें विशाल भंडारा रविवार को

कैराना। मानव चेनता केंद्र आश्रम ऊंचागांव में चल रही श्रीमद देवी भागवत शतचंडी महापुराण कथा यज्ञ के दौरान स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि स्वामी विशुद्धानंद महाराज जी के आशिर्वाद से हर साल की भांति इस बार भी आश्रम में वार्षिक महोत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा। आगामी रविवार को आश्रम में 39 वे विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। सुबह के समय सर्व प्रथम हवन यज्ञ किया जाएगा, उसके बाद भजन कीर्तन कथा की जाएगी। दोपहर के समय भंडारा शुरू किया जाएगा।