प्राथमिक स्तर से ही सुधारें बच्चों का कौशल विकास

किसी भी ईमारत को ऊँचा उठाने के लिए उसकी नींव को अधिक सुदृढ़ और मजबूत होना पहली और अनिवार्य शर्त है। इसी प्रकार किसी देश की प्राथमिक शिक्षा उस देश की उच्च शिक्षा की नींव है। इसके लिए सर्व प्रथम बच्चों का रुझान स्कूल की ओर होना आवश्यक है। इसके लिए सरकार ने निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा के साथ साथ बहुत सी सुविधाएं भी मुहैया कराती है। हर मां बाप अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देना चाहते हैं. उम्दा शिक्षा, खानपान, कपड़े, खेलकूद वो सब कुछ जिससे बच्चों की परवरिश मे  किसी तरह की कोई कमी ना रहे।
        कई बार मां-बाप ओवर पजेसिव हो जाते हैं और लाड प्यार में बच्चों को कुछ बेसिक लाइफ स्किल नहीं सिखाते, इससे बच्चों की जिंदगी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आइए जानते हैं उन्हीं कुछ सामान्य विषयो के बारे में जिन्हे बच्चों को सिखाना बेहद जरूरी है, जिससे वो देश के एक अच्छे नागरिक बन सकें। आजकल कुछ माँ बाप बच्चों की ज्यादा देखभाल करने के चक्कर उनके सारे काम खुद ही कर देते हैं या फिर कोई नौकर रखते है। हर मां-बाप को ऐसा लगता है कि उसके बच्चे को कोई परेशानी ना हो लेकिन अगर ऐसे ही आप उसका काम करते रहेंगे तो उससे खुद के काम करने की आदत नहीं रहेगी, आगे चल कर वो अपने काम करने में सक्षम नहीं रहेगा। ऐसे में जब बच्चा 6 साल का हो जाए तो उन्हें उनकी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाएं। जैसे  पहले खुद स्कूल शू पॉलिश करना सिखाए। पानी खुद लेकर पीना सिखाए। अपना सामान जैसे पुस्तकें आदि उचित स्थान पर रखना सिखाए। इससे बच्चा जहा एक ओर आत्मनिर्भर होगा तो वंही दूसरी ओर अनुशासन भी सीख पायेगा।
          बच्चे का मानसिक विकास बचपन से ही शुरू हो जाता है. ऐसे में उन्हें क्रिएटिव बनाने के लिए अलग-अलग तरह के विषय दीजिए। वो जितना सोचेंगे उनके दिमाग में इतने ज्यादा सवाल बनेंगे और यह विकास के लिए काफी जरूरी है। ऐसे में आप उन्हें पजल सॉल्व करने के लिए या फिर क्ले से कुछ डिजाइन करने के लिए दें, आप चाहे तो आसपास की शॉप से अपनी निगरानी में उनसे सामान भी मंगवा सकते है इससे जँहा उनका बेसिक गणित मजबूत होगा तो वंही दूसरी ओर व्यवहार मे दुनियादारी भी सीखने को मिलेगी।
     अपने बच्चे को अच्छी आदतों से रूबरू कराएं। जैसे कि दांत साफ रखने चाहिए । बच्चों को रोजाना नहाने की आदत होनी चाहिए।  खाने सा पहले और शौच जाने के बाद हाथ धोना, नाखून और बाल छोटे रखना अगर बचपन में ही वो ये चीजें सीख जाएंगे तो आगे जाकर वो हमेशा जीवन मे अच्छी आदत ही अपनाएंगे। बच्चों को कहानियाँ सुनना बहुत अच्छा लगता है उन्हें सदा महान चरित्रवान, दयावान, आदि गुणों से परिपूर्ण महापुरषो की कहानियांं सुनानी चाहिए जिससे उनमे इन सदगुणों और संस्कारो का विकास हो सके। बच्चों को जीवन मे अनुशासन का महत्व पता होना चाहिए। कई बार हम देखते हैं कि बच्चे स्कूल से आने के बाद अपना बैग कहीं और जूते कहीं फेंक देते हैं। बच्चों को शुरू से ही अच्छा प्रबन्धन सिखाए। अपने सामान अपने किताबों को, गैजेट को सही तरीके से रखना जरूर सिखाइए। अगर बच्चा छोटी उम्र से ही ऐसा करना सीख जाएगा तो बड़े होकर अपनी जिम्मेदारीयो से मुँह नही मोड़ेगा। जापन मे बच्चे बचपन से ही घड़ियां बनाते हैं इसलिए उनके अभिभावक उन्हें कुछ दिनों के लिए अंंधेरे मे रखते है। घड़ियों को बनाने मे अधिक रौशनी और फॉक्स की आवश्यकता होती है। अंंधेरे मे रहने से उन्हें फॉक्स करने मे कोई समस्यां नही होती है। चिड़िया अपने बच्चों के पंख निकलने के बाद उन्हें घौंसले से धक्का दे देती है। माँ उनकी दुश्मन नही होती बल्कि वो अपने बच्चों की उड़ना सीखने मे मदद करती है। जो बच्चे मिटटी मे नही खेलते उनकी अवरोधक क्षमता कम हो जाती है। बचपन से ही बच्चों को शिक्षा के साथ साथ संस्कार और नेतिक शिक्षा का ज्ञान भी देना जरूरी है। बच्चों को हर मानवीय गुण सिखाने की शुरुआत करें । उन्हें बताएं कि मानव जीवन का ​उद्देश्य दूसरों की मदद करना है। ताकि वो बड़े होकर दूसरों की मदद करने की भावना रखें और सभी को एक समान एक नजर से देखें।
     बच्चों को मिटटी और रेत के घर बनाना बहुत अच्छा लगता है। बच्चे जन्म से ही रचनात्मक होते हैं इसलिए वो सदा कुछ न कुछ बनाकर, करके देखते रहते हैं। बच्चों का पढ़ाई से ज्यादा मन रचनात्मक कार्यो मे लगता है। स्कूल मे भी बच्चे कागज की नाव व हवाई जहाज आदि बनाकर खेलते रहते हैं। बच्चों के इस गुण को दबाने के बजाए इसे विकसित करने मे मदद करनी चाहिए । बच्चों को वो सब साधन उपलब्ध कराने चाहिए जिससे पढ़ाई के साथ साथ उनकी रचनात्मकता भी बनी रहे। बच्चों की रचनात्मकता का ताजा उदाहरण मोबाईल है बड़ो की अपेक्षा बच्चे मोबाईल के सभी कार्य जल्दी सीख जाते हैं । बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए तराशना भी जरूरी है। इसलिए प्राइमरी से ही बच्चों का कौशल विकास आवश्यक है।

                               रीता चौहान
                              अध्यापिका
                    प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ़ 
                     कैराना, शामली उत्तर प्रदेश

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