👉 सबरी के खाए झूठे बेर
कैराना (शामली)। कस्बे के रामलीला मैदान में नगर रामलीला मंडल समिति के तत्वाधान में आयोजित रामलीला में सोमवार की रात्रि में श्रीराम-हनुमान मुलाकात, सुग्रीव की राम से मित्रता एवं बाली वध का मंचन किया गया।
रामलीला देखने के लिए सैकड़ों महिला-पुरुषों, युवक-युवतियों व बच्चों की भीड़ जमा रही। समिति सहसचिव अमित सिंगल और डिंपल अग्रवाल ने बताया कि श्री रामलीला महोत्सव के नौवे दिन की लीला का शुभारंभ सूरज कुमार और राज कपूर सफाई नायक नगर पालिका परिषद कैराना के द्वारा तथा करतार सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता एवं अध्यक्ष अध्यापक संघ के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। रामलीला में बाली वध की लीला का मंचन किया गया।
सर्व प्रथम राम लक्ष्मण सीता को खोजते हुए जंगलों में इधर-उधर भटक रहे होते हैं, तो उन्हें रास्ते में श्री राम की परम भक्त शबरी नामक महिला मिलती है जो श्री राम लक्ष्मण को अपने झूठे बेर खिलाती है। जब उन्हें राम लक्ष्मण अपना सारा वृतांत बताते हैं तो शबरी उन्हें कहती है कि किष्किंधा पर्वत पर महाराज सुग्रीव रहते हैं जो इस कार्य में आपकी अवश्य मदद करेंगे। जब वह किष्किंधा पर्वत पर जाते हैं तो खोज में विलाप करते राम एवं लक्ष्मण की सुग्रीव के मंत्री महाबली हनुमान से भेंट हुई। हनुमान ने भगवान राम की सुग्रीव से मित्रता कराई और राम लक्ष्मण ने सुग्रीव को अपनी पीड़ा और सुग्रीव ने राम लक्ष्मण को अपनी पीड़ा बताई। श्री राम ने मित्र धर्म निभाते हुए सुग्रीव को बाली से द्वंद युद्ध के लिए पंपापुर भेजा। एक बार तो सुग्रीव और बाली के दंड युद्ध में सुग्रीव बुरी मार खाकर आ गया और भगवान राम से बाली का वध नहीं करने का कारण पूछा। इस पर राम ने समरूप दिखने पर अपनी माला पहनाई और दोबारा सुग्रीव को बाली से युद्ध करने के लिए भेजा।
इसके बाद भगवान राम ने उसका एक ही बाण से वध कर दिया। बाली एवं सुग्रीव के दो बार दंड युद्ध को देखकर दर्शकों ने खूब आनंद लिया। रामलीला में लक्ष्मण ने सुग्रीव का राज्याभिषेक कराया। बाली एवं तारा संवाद, सुग्रीव एवं बाली के ओजपूर्ण संवाद दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा। जब भगवान राम बाली से पूछते हैं कि आपकी अंतिम इच्छा क्या है तो वह कहता है कि आप मेरे पुत्र अंगद को अपनी शरण में ले ले और मेरे भाई सुग्रीव का और मेरी पत्नी का भी ख्याल रखें।
इसके उपरांत अगले दृश्य में दिखाया गया कि सुग्रीव हनुमान को और पूरी सेवा को सीता को खोजने के लिए चारों ओर भेज देते हैं जिस पर हनुमान जी समुद्र पार करके लंका में पहुंच जाते हैं।
राम का अभिनय रोहित कुमार, लक्ष्मण का शिवम गोयल, सीता का सागर मित्तल, हनुमान का आशू गर्ग, अंगद का वाशु मित्तल, बाली का अभिषेक भारद्वाज, तारा का शिव शर्मा, सुग्रिव रोहित नामदेव, सबरी डॉ सुशील कुमार व ऋषि मुनि का राकेश गर्ग ने किया। स्टेज पर सुंदर किसकिंधा पर्वत की झांकी डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू के नेतृत्व में लगाई गई। वहीं, भारी संख्या में श्रद्धालुगण और पुलिस बल मौजूद रहे।
इस दौरान मुख्य रूप से श्री रामलीला कमेटी कैराना के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट, सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, डॉ रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, अनिल कुमार कुंगरवाल, एडवोकेट शगुन मित्तल, डॉक्टर सुशील कुमार, सुनील कुमार टिल्लू ,विक्की, पुनीत कुमार गोयल, राजेश नामदेव, सतीश, राकेश प्रजापति, शिवम गोयल, अभिषेक गोयल, विकास वर्मा, राहुल सिंघल, अश्विन सिंघल, विजय नारायण तायल, मनोज मित्तल सोनू नेता, ऋषि पाल शेरवाल, विपुल कुमार जैन, पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ, जयपाल सिंह, आशु गर्ग, सागर मित्तल, सूरज वर्मा, अंकित जिंदल, सनी, डिंपल अग्रवाल, अमित सिंगल, मास्टर अमित सेन, रोहित नामदेव, राजेश सिंघल, कालू, अनमोल शर्मा, अमन गोयल तुषार वर्मा पंडित मोहित जी विपुल कुमार जैन अभिषेक भारद्वाज, निक्की शर्मा व सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।
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