नहीं रहे श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास

 
👉 पार्थिव शरीर ले जाया गया अयोध्या 
लखनऊ। अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होने लखनऊ पीजीआई में आज सुबह 8 बजे ली आखिरी सांस।
       बता दें कि तीन फरवरी को ब्रेन हैमरेज के बाद उनको अयोध्या से लखनऊ पीजीआई रेफर किया गया, तब से उनका इलाज चल रहा था। सत्येंद्र दास 34 साल से रामजन्म भूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे थे। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के समय वे राम लला को गोद में लेकर भागे थे। तब से लेकर आज तक वे राम लला की सेवा कर रहे थे। उनके शव को अयोध्या लें जाया गया है, जहां सरयू नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
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अध्यात्मिक जगत के लिए अपूर्णीय क्षति - मुख्यमंत्री 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आचार्य सत्येन्द्र दास के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अध्यात्मिक जगत के लिए ये अपूर्णीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों पीजीआई जाकर उनका हाल जाना था।
         बता दें कि उनका जन्म संतकबीर नगर जिले में 20 मई 1945 में हुआ था। वे बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। उनके पिता अक्सर अयोध्या जाया करते थे, वह भी पिता के साथ अयोध्या घूमने जाते थे। उनके पिता अभिरामदास जी के आश्रम में जाते थे। अभिराम दास वही थे, जिन्होंने राम जन्मभूमि में 22-23 दिसंबर 1949 में गर्भगृह में राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और सीता जी की मूर्तियों के प्रकट होने का दावा किया था। इन्हीं मूर्तियों के आधार पर आगे की लड़ाई लड़ी गई।मूर्तियों के प्रकट होने के दावे और अभिराम दास जी की रामलला के प्रति सेवा देखकर सत्येंद्र दास बहुत प्रभावित हुए। उन्हीं के आश्रम में रहने के लिए उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया। सत्येंद्र दास ने रामलला की सेवा के लिए 1958 में घर छोड़ दिया। उनके परिवार में दो भाई और एक बहन थी, बहन का निधन हो चुका है।
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