तृतीय 'हौसला' शिक्षक कवि सम्मेलन/मुशायरे का शुभारंभ

बागपत। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आज बेसिक शिक्षा विभाग बागपत की ओर से तृतीय ऑनलाइन 'हौसला' शिक्षक कवि सम्मेलन/मुशायरा-2023 के चार दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिसके मुख्य अतिथि राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली के सह आचार्य एवं हिन्दी प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ० नीलकंठ जी रहे।
        कार्यक्रम के आयोजक एवं संरक्षक श्रीमती अनुराधा शर्मा उप निदेशक/प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बड़ौत बागपत एवं सुश्री आकांक्षा रावत, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बागपत हैं तथा संयोजक राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मौ० यामीन एवं सह संयोजक एआरपी बागपत जितेंद्र कुमार हैं। 
     कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक लखनऊ से अदील मंसूरी ने तथा बहुत ही शानदार व सफल संचालन एसआरजी बागपत नीतू यादव एवं डॉ० भावना जैन ने संयुक्त रूप से किया। 
      कार्यक्रम की कोर व टेक्निकल टीम के सक्रिय सदस्य के रूप में जनपद बस्ती से विमल आनंद, बुलंदशहर से नेशनल आईसीटी पुरस्कार प्राप्त फिरोज खान,डायट बागपत प्रवक्ता रविशंकर,बागपत से एसआरजी अमित कुमार मौर्य,एआरपी रविन्द्र सिरोही व श्याम सिंह व नीलम भास्कर का सहयोग रहा।आज के प्रथम दिवस पर 'हिन्दी राष्ट्रीय एकता का आधार' थीम पर आज सभी शिक्षक कवियों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से सभी श्रोताओं को प्रोत्साहित किया जिसमें जनपद महोबा से भावना सुल्लेरे ने हिन्दी ही सिरमौर बनें संकल्प करो सिरोधार, गौतमबुद्ध नगर से सुमन यादव ने भाषाओं के आसमान में, तरणी के समान है,मिर्ज़ापुर रुखसाना बानो से विभिन्न रंगो से सजी हुई धरती, प्रकृति इसका रूप है सँवारती।
        बागपत पारुल चौधरी ने मेरी हिन्दी का अस्तित्व,बागपत से मौ० उस्मान ने हम भारत के वासी,वाराणसी से अरविन्द कुमार सिंह ने राष्ट्र एकता का आधार, बनी जो प्यारी हिन्दी,मेरठ से उषा रानी ने  राष्ट्रीय एकता का आधार,बागपत से कविता सिंह ने हिन्दी हमारी शान।
    बागपत से सीमा रानी शर्मा ने हिन्दी भारत की शान है,कानपुर देहात से मृदुला वर्मा ने सरल सहज मीठी हिन्दी, हिन्दी है प्रेम की भाषा,फतेहपुर से श्रीमती सुभा देवी ने हिन्दी से हिन्दुस्तान है।
       बागपत से मनीष पँवार ने जाने क्यूं,बागपत से गीतिका चतुर्वेदी ने संस्कृत से उपजी, संस्कृत से पावन,गौतमबुद्ध नगर से बबीता यादव नेहिन्दी मेरी पहचान।
      बाग़पत से कविता सिंह ने मधुर ने हिन्दी से राष्ट्र जागरण, उत्थान,गौतमबुद्ध नगर से कुसुम कौशिक ने भारत को फिर से स्वर्ग बनाएगी हिन्दी,एटा से राकेश कुमार कुशवाह ने एक सूत्र एक भाषा है रचना से सभी को आनंदित व राष्ट्र भाषा के विकास में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
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