स्त्री यदि बहन है
तो प्यार का दर्पण है ||
स्त्री यदि पत्नी है
तो खुद का समर्पण है ||
स्त्री अगर भाभी है
तो भावना का भंडार है ||
मामी मौसी बुआ है
तो स्नेह का सत्कार है ||
स्त्री यदि काकी है
तो कर्तव्य की साधना है||
स्त्री अगर साथी है
तो सुख की शतत संभावना है ||
और अंतिम पंक्ति......
स्त्री यदि "माँ" है
तो साक्षात " परमात्मा " है।।।
कभी रिश्तों की तुरपाई करती, तो कभी देश का मान बढ़ाती..घर की रसोई से दहलीज तक जिम्मेदारियों का श्रृंगार कर, सपनों में रंग भरने बाहर निकलती। थकती नहीं चलती जाती है, तभी सशक्त गाथाओं का इतिहास कहलाती है। नारी है ये, शतरूपाशाली है । नमन आपकी प्रतिभा आभा और सम्मान को । नमन आपकी करुणा और श्रृंगार को।
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इक़बाल हसन , राष्ट्रीय जंग टाइम्स
कैराना(शामली) उत्तर प्रदेश
व्हाट्सएप 9045289100