- मदरसा सबीलुल हुदा में वार्षिक जलसे का आयोजन
- 38 बच्चों को की गई दस्तारबंदी, कराई विशेष दुआ
कैराना। मदरसा हुसैनिया सबीलुल हुदा में आयोजित वार्षिक जलसे के दौरान उलमाओं ने अमन का पैगाम दिया। इस अवसर पर उलमाओं द्वारा दीन के रास्ते पर चलने का आह्वान किया गया।
रविवार को क्षेत्र के ग्राम दभेड़ीखुर्द स्थित मदरसा हुसैनिया सबीलुल हुदा में वार्षिक जलसे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मौलाना हबीबुल्लाह मदनी ने कहा कि मुस्लिम समाज अपने असल रास्ते से भटक रहा है, यही उनके पिछड़ेपन का शिकार है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अल्लाह के बताए हुए रास्तों पर चलना चाहिए, जिसमें उन्हें दुनिया और आखिरत में कामयाबी मिलेगी। दारूल उलूम देवबंद से आए शिक्षक मौलाना तौकीर ने कहा कि समाज की तरक्की शिक्षा से ही संभव हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा खजाना हैं, जिससे जिंदगी संवर जाती है। अल्लाह के नबी द्वारा बताए गए रास्तों पर चलना चाहिए। जमीयत उलमा-ए-हिंद के पश्चिमी उप्र अध्यक्ष मौलाना आकिल ने कहा कि इस्लाम धर्म ने हमेशा से ही अमन का पैगाम दिया है। उन्होंने कहा कि समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए मुस्लिम समाज को एकजुट होकर जागरूकता मुहिम चलाने की जरूरत है। इनके अलावा मौलाना अहसन व मौलाना मोहम्मद उमर आदि ने भी संबोधन किया। कार्यक्रम के दौरान उवैस, सअद, तनवीर, जुनैद समेत 38 हाफिजों को उलमाओं के हाथों दस्तारबंदी की गई। सभी हाफिजों को हरियाणा निवासी नवाब द्वारा कुरआन शरीफ व दभेड़ीखुर्द ग्राम प्रधानपति चौधरी मुंशाद अली चौहान द्वारा कॉपी-पैन भेंट की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना आरिफ इब्राहीमी तथा संचालन मौलाना तैय्यब व मुफ्ती हुसैन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह कार्यक्रम मौलाना जहूर की दुआ पर संपन्न हुआ। अंत में मदरसे के मोहतमिम मौलाना इरफान ने सभी को धन्यवाद दिया।