दिल्ली दंगों में यूपी के लोगों का हाथ कहकर सूबे को बदनाम कर रही केंद्र सरकार - राजन जावला 

 





कांधला। राष्ट्रीय लोकदल के छात्र नेता राजन जावला  ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा कि उत्तर प्रदेश पूरी तरह से अराजकता का जंगल बन गया है। यहां कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज दिखाई नहीं दे रही है। राज्य में दबंग और अपराधी बेखौफ हो गए हैं। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्याओं की वारदात सभी को शर्मिंदा कर रही हैं।

      रालोद छात्र नेता राजन जावला ने केंद्र सरकार को भी घेरते हुए कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री ने दिल्ली के दंगों में यूपी के लोगों का हाथ होने की बात कहकर प्रदेश की बदनामी कर दी है। भाजपा उत्तर प्रदेश को देश-विदेश तक में बदनाम कर रही है। आखिर इस सबके लिए जिम्मेदारी किसकी है, जबकि यहां तो भाजपा की डबल इंजन की ही सरकार है। कुछ समय पहले महामहिम राज्यपाल महोदया ने उत्तर प्रदेश में सब ठीक-ठाक होने की बात कही थी, क्या अभी भी वह अपनी उसी राय पर कायम हैं?  

        राजन जावला ने कहा कि उन्नाव और चित्रकूट में बच्चियां होली के पर्व की खुशियों में शामिल थीं, लेकिन दरिंदों ने दुष्कर्म के बाद उनकी निर्ममता से हत्या कर दी। होली का त्योहार सद्भाव, प्रेम और परस्पर मैत्री का होता है पर भाजपा राज में इस दिन को दुराचार, दुष्कर्म और हत्या का दिन बन गया। त्योहार की खुशिया गम और दर्द में बदल गई। एक और बच्ची की मैनपुरी में दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या कर दी गई। आगरा में भी एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना घटी। कासंगज में चलती कार में एक महिला से सामूहिक दुष्कर्म हुआ। 

     राजन जावला ने कहा कि भाजपा सरकार ने कुछ दिनों पहले पर्यटन पुलिस का भी राग छेड़ा था। मथुरा में विदेशी पर्यटकों के साथ होली पर्व पर अभद्रता हुई। न तो भाजपा सरकार का कहीं एंटी रोमियों स्क्वाड दिखता है और नहीं पुलिस तंत्र। पुलिस को अब दूर से नमस्ते करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात सुधरने की उम्मीद कैसे की जा सकती है जब इसे सम्भालने वाले पुलिस मुहकमें के ही जिम्मेदार लोगों को खाकी को शर्मसार करने में संकोच नहीं होता है। राजधानी का ही हाल देखिए इंदिरा नगर में एक दारोगा ड्यूटी छोड़कर एक डांसर से 21 बार ठुमके लगवाने का फर्ज अदा करते पाए गए। 

     राजन जावला  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ती अव्यवस्था प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं दिखाई देती है। वह अभी भी अपराधियों को कड़े प्रवचन देने में ही अपने संवैधानिक कर्तव्य की इतिश्री समझ रहे हैं। प्रदेश जल रहा है, प्रदेशवासी भयग्रस्त हैं, लेकिन शासन-प्रशासन चलाने की जिन पर जिम्मेदारी है, वे चैन की बांसुरी बजा रहे हैं। जनता इस सबका हिसाब जरूर करेगी।




 


 

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