सत्संग सुनने से होती है मन कि शुद्धिः ब्रह्म स्वरूपानंद

- श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन महाराज ने किए प्रवचन
- सुंदर भजनों के साथ सैकड़ो श्रद्धालुओ ने सुने कथा प्रवचन

कैराना। मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि संगति हमेशा अच्छे इंसान की करनी चाहिए। मन को साफ करने के बाद ही सत्संग सुनने का फायदा है। भगवान का नाम लेने व सत्संग सुनने से मन की शुद्धि हो जाती है।
        शनिवार को कैराना क्षेत्र के ऊंचागांव में स्थित मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम् शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने कथा में बताया कि जिसको संसार मीठा लगता है। वह मोह माया के जाल में फसा हुआ है। महाराज ने बताया कि भागवत जैसा कोई ग्रन्थ नही है। उस पाठ को संत के चरणों मे सुनने से अलग ही आनंद हैं। जानने से कल्याण नही होता, मानने से कल्याण होता है। ॐ से बड़ा कोई मंत्र नही है। ॐ में सभी मंत्र आ जाते है। मनुष्य यदि अपना कल्याण चाहता है तो गंगा जल में स्नान करें ओर ओम का जाप करे। इससे मनुष्य का कल्याण हो जाता है।             
   महाराज ने बताया कि ॐ के बगैर कोई मंत्र शिद्ध नही हो सकता है। ॐ का जाप पहले वाणी से करे उसके बाद मन ही मन में जाप करते रहे। तपस्या से समस्या दूर हो जाती है। माया मनुष्य को फंसा लेती है, इससे मन को हटाने के लिए मन को भगवान में लगा दीजिए। जैसे स्नान करने से तन स्वच्छ होता है वैसे ही भगवान का भजन करने से मनुष्य का मन भी स्वच्छ हो जाता है। भगवान एक है लेकिन दृष्टि के कारण अनेक दिखाई देते है। मनुष्य हो या पशु हो सब मे परमात्मा का वास है। भगवान की भक्ति करने से मनुष्य का मन मोह माया से हट जाता है। 
      महाराज ने बताया कि सत्संग ओर भगवान का नाम लेने से ही मनुष्य के मन को शांति मिलती है। जो मनुष्य सच्चे मन से भगवान व सन्तों की सेवा करता है वह सदा बढ़ता रहा हैं। मोक्ष की प्राप्ति के लिए मनुष्य को अपना मन सभी जगह से हटाकर केवल भगवान में लगा देना चाहिए। इससे मनुष्य की मुक्ति हो जाती है। उसको जीवन मरण से मुक्ति मिल जाती है।
       वही, सुंदर भजनों से गांव व दूर-दराज से आश्रम में पहुचे सैकड़ो श्रद्धालुओ ने कथा श्रवण की।