सड़कों पर बेरोकटोक फर्राटा भर रहे रेत के ओवरलोड वाहन
- परिवहन विभाग की मिलीभगत से हो रहा संचालन, तोड़ी जा रही क्षेत्र की सड़कें
- रेत के ओवरलोड वाहनों से हुआ हादसा तो कौन होगा जिम्मेदार, उठ रहे सवाल

कैराना। परिवहन विभाग की मिलीभगत के चलते क्षेत्र की सड़कों पर रेत के ओवरलोड वाहनों का संचालक धड़ल्ले से चल रहा है। स्टॉक से बेरोकटोक फर्राटा भरने वाले इन वाहनों से सड़कों की दिनोंदिन हालत बदतर होती जा रही है। ओवरलोड वाहनों के कारण हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जिम्मेदारों की खामोशी के चलते यदि ओवरलोड वाहनों से कोई हादसा हुआ, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। प्रशासनिक अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
   मानसून के दृष्टिगत 30 सितंबर तक यमुना खादर क्षेत्र में आवंटित वैध बालू पट्टों पर खदान पर प्रतिबंध है। इससे पहले ही खनन ठेकेदारों की ओर से गांव मलकपुर के निकट खुरगान रोड पर रेत के स्टॉक लगाए गए हैं। जहां से परिवहन नियमों को ठेंगे पर रखकर ओवरलोड वाहनों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। रेत के ओवरलोड वाहन क्षेत्र की सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं। इन वाहनों पर परिवहन विभाग इतना मेहरबान है कि कार्रवाई करने के लिए कोई जहमत उठाने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि रेत के ओवरलोड वाहनों से उड़ती रेत और उठती धूल यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है, वहीं सड़कों की हालत भी दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। सड़कों में गड्ढे बन रहे हैं, जो हादसों का सबब बनते दिख रहे हैं। इससे सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है। इसके बावजूद भी परिवहन विभाग, परिवहन विभाग या फिर प्रशासनिक अधिकारी इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है।