पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई के लिए उनकी पौत्री नंदिता मिश्रा ने किया पिंडदान

👉 सीता मईया ने ससुर दशरथ का किया था तर्पण, इसकी पहल कानपुर से युग दधीचि देह दान संस्था ने की

👉 उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसैया घाट पर महिलाओं ने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया l महिलाओं ने बकायदा मंत्रोंच्चारण के बीच मृतक परिवार जनों को और पूर्वजों के लिए पिंडदान किया l वहीं, उन्होंने कोख में मार दी गई अजन्मी बेटियों के लिए भी तर्पण किया l इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की पौत्री नंदिता मिश्रा ने उनके लिए तर्पण और पिंडदान किया l
इसकी पहल युग दधीचि देह दान संस्था ने की है l पिछले 11 सालों से सरसैया घाट में अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है l जिसमें अब महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है l हालांकि समाज में ऐसी मान्यता है कि बेटे ही पूर्वजों को जल दे सकते हैं और उनका तर्पण व पिंडदान कर सकते हैं l इस मान्यता को सरसैया घाट में तर्पण कर महिलाओं ने तोड़ने का काम किया है l

👉 सीता मईया ने ससुर दशरथ का किया था तर्पण 
बताया जाता है कि वैदिक काल में महिलाओं को तर्पण का अधिकार था l माता-सीता ने भी अपने ससुर दशरथ जी का तर्पण और पिंडदान फल्गु नदी के तट पर  किया था l वहीं, मध्यकाल में देश में कुरीतियां व्याप्त होती चली गई और महिलाओं से उनके अधिकार छीने जाते रहे l तर्पण करने वाली महिलाओं का कहना है यह जब महिलाएं हर कदम में पुरुषों के साथ ताल मिलाकर चल रही हैं तो उनसे तर्पण का अधिकार कैसे छीना जा सकता है? जबकि वैदिक काल में उन्हें तर्पण का अधिकार हासिल था l वह अपने पूर्वजों और मृत परिवारीजनों के लिए तर्पण करने आई हैं l

👉 अटल बिहारी वाजपेई की पौत्री ने किया तपर्ण 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की पौत्री नंदिता मिश्रा ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई उनके चाचा थे l वह उनका तर्पण और पिंडदान करने के लिए यहां आई हैं l उन्होंने कहा कि महिलाओं को वैदिक काल में तर्पण का हक हासिल था l वह उसी परंपरा को निभाने का काम कर रही हैं l    
         वहीं, कार्यक्रम के आयोजक मनोज सेंगर ने कहा कि संस्था लगातार 11 सालों से अजन्मी कन्याओं के लिए तर्पण के कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है l महिलाएं अजन्मी बेटियों के लिए तर्पण करने के साथ ही साथ अपने पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंडदान भी करती हैं l ऐसा करने से पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव खत्म हो रहा है l वहीं महिलाएं अपने हक के लिए जागरूक हो रही हैं l