नंगलाराई में मोड़ी गई जलधारा से अफसरों ने मुंह फेरा
कैराना। मंडावर खनन स्थल पर जांच के बाद एडीएम संतोष कुमार सिंह ने गांव नंगलाराई यमुना खादर में आवंटित वैध बालू खनन पट्टे पर भी छापेमारी की, जिसके चलते ठेकेदार व वर्करों में हड़कंप मच गया। इस दौरान जैसे ही अधिकारी खदान की ओर पैदल चले, तो खदान को बंद कर दिया गया। जबकि वहां भरे गए रेत के ओवरलोड डंफरों को चालकों ने कार्रवाई से बचने के लिए उलट गया। इसके अलावा एक अन्य ट्रक भी ओवरलोड खड़ा रहा, जिसके बराबर से होकर अधिकारी चुपके से निकल गए।
      यही नहीं, आश्चर्य तब होता है कि जब अधिकारियों ने यमुना नदी की मोड़ी गई जलधारा से मुंह फेर लिया। यहां ठेकेदार ने वैध पट्टे की आड़ में खनन के कारोबार को अंजाम देने के लिए यमुना की जलधारा को मोड़ते हुए रास्ता बना रखा है और इसी रास्ते से अधिकारी खदान तक पहुंचे थे। जबकि एनजीटी के स्पष्ट आदेश हैं कि यमुना नदी की जलधारा को न रोका जा सकता है और न ही उससे छेड़छाड़ की जा सकती है। खनन स्थल पर अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरों व कांटे के बारे में भी जानकारी की। एडीएम संतोष कुमार ने कहा कि नंगलाराई में कुलदीप के नाम से खनन पट्टा है, जो दो दिन पहले ही शुरू हुआ है। पट्टे के क्षेत्रफल का सीमांकन हो चुका है। आवंटित क्षेत्रफल में ही खनन किया जा रहा है। यहां ज्यादा गाड़ी नहीं है। यमुना की जलधारा मोड़ने के सवाल पर एडीएम ने कहा कि पानी के अंदर से रेत नहीं निकाली जा सकती है। यह पट्टा पिछले वर्ष का है। जलधारा इधर-उधर हो जाती है, लेकिन आवंटित क्षेत्रफल में खनन कार्य कर सकते हैं, इसमें कोई समस्या नहीं हैं।