इस्लाम धर्म इंसानियत, अमन और प्रेम-भाईचारे का देता है पैगाम
👉 मोहम्मदपुर राई जलसे में दारूल उलूम के उस्ताद हजरत मौलाना सलमान का संबोधन
👉 27 लड़कों—लड़कियों को हुई दस्तारबंदी, लड़कियों की शिक्षा पर जोर

कैराना। दारूल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद हजरत मौलाना सलमान बिजनौरी ने कहा कि इस्लाम धर्म इंसानियत, अमन और प्रेम-भाईचारे का पैगाम देता है। हमें कुरआन और हदीस के बताए रास्तों पर जिंदगी गुजारनी चाहिए। इसके अलावा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने की जरूरत है।
         क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर राई में स्थित मदरसा दारूल उलूम फातिमातुज्जहरा में हदीस की पवित्र पुस्तक बुखारी शरीफ के समापन के अवसर पर सालाना जलसे का आयोजन किया गया। शुभारंभ जुवेरिया की कुरआन तिलावत व मुस्कान की नात से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दारूल उलूम जलालाबाद के शेखुल हदीस हजरत मौलाना यामीन ने मदरसे की सात छात्राओं को बुखारी शरीफ का अंतिम पाठ पढ़ाया और उन्हें आलिमा (मौलवी) की उपाधि से नवाजा गया। 
     मौलाना यामीन ने कहा कि पवित्र कुरआन के बाद बुखारी शरीफ हदीस की सबसे प्रमाणिक एवं पवित्र पुस्तक हैं, जिसमें हजरत पैगंबर साहब की प्रथाओं और उनके दौर से जुड़ी ऐतिहासिक प्रमाणिक हदीस संग्रहित है।
       मुख्य अतिथि दारूल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद हजरत मौलाना सलमान बिजनौरी ने कहा कि इस्लाम धर्म में शिक्षा को जरूरी करार दिया गया है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं। उन्होंने कहा कि बेटियां रहमत होती है, कभी भी बेटे और बेटियों में भेदभाव नहीं करना चाहिए। बेटियों को भी उच्च शिक्षा दिलाएं, क्योंकि बेटियां शिक्षित होंगी, तो दो परिवार शिक्षित और संस्कारवान होंगे।
      उन्होंने कुरआन और हदीस के बताए रास्तों पर जिंदगी गुजारने तथा गुनाहों से बचने की ताकीद की। मौलाना इमरान ने कहा कि मुसलानों में नशाखोरी, जुआखोरी और चुगलखोरी पनप रही है। चुगली करने वाले लोगों का कभी भला नहीं हो सकता है।
         मौलाना महफूज ने कहा कि नमाज हजरत पैगंबर साहब के आंखों की ठंडक है। नमाज हर बुराई और गलत कृत्यों से रोकती है। कयामत के दिन नमाज मगफिरत का सबब बनेगी। इसलिए नमाज पाबंदी के साथ अदा करनी चाहिए।
        कार्यक्रम के दौरान मौलानाओं द्वारा उपरोक्त सातों छात्राओं के अलावा 27 छात्र—छात्राओं को दस्तारबंदी की गई, जिनमें एक हाफिज छात्र भी शामिल हैं। समापन मौलाना सलमान की विशेष दुआओं पर हुआ। संचालन मौलाना अहसान ने किया। अंत में मदरसे के संचालक मौलाना तहसीन ने तमाम आगंतुकों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर मुफ्ती फारूक, मौलाना सलीम, हाफिज फुरकान, कारी शहजाद, डॉ. मारूफ आदि मौजूद रहे।