कैराना के बहुचर्चित नरेंद्र हत्याकांड में 17 वर्ष पश्चात न्यायालय का आया फैसला
- आठ हत्याभियुक्तो को सुनाया आजीवन कारावास

- न्यायालय ने 2 लाख 80 हजार रूपये के अर्थदंड से भी किया दंडित
कैराना। न्यायालय मुजफ्फरनगर ने हत्या के मामले में 8 हत्याभियुक्तों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा एवं 2 लाख 80 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित भी किया गया।
        बता दें कि वर्ष 2006 में कोतवाली कैराना क्षेत्रान्तर्गत अभियुक्तगण रमेश चंद पुत्र नन्दलाल निवासी जोडवा कुंआ कस्बा व थाना कैराना,जुगमेन्द्र पुत्र जादोराम,सुभाष पुत्र आत्माराम,पदम सैन पुत्र जादोराम,संजय पुत्र आत्माराम,कमल पुत्र सुभाष चन्द समस्त निवासीगण मौहल्ला चौक बाजार कस्बा व थाना कैराना,रामकुमार पुत्र अवधि प्रसाद निवासी मौहल्ला गुम्बद कस्बा व थाना कैराना व रमन पुत्र रामकुमार निवासी मौहल्ला पट्टोवाला कस्बा व थाना कैराना सहित नौ लोगों द्वारा नरेन्द्र पुत्र पीतम निवासी खेड़ी करमू थाना कोतवाली शामली की 23 सितंबर 2006 की प्रातः 8:00 बजे देवी मंदिर में पूजा करने को लेकर हुए विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक के परिजन द्वारा थाना कैराना पर लिखित तहरीर दाखिल की गयी थी। दाखिला तहरीर के आधार पर मु0 अ0 सं0 570A/2006 धारा 147, 148, 149, 307 व  302 भादवि में कोतवाली कैराना पर नामजद अभियोग पंजीकृत किया गया था।       
    उक्त मामले में कोतवाली कैराना पुलिस द्वारा तत्परता से साक्ष्य संकलन करते हुए अभियुक्तगणों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया तथा सुसंगत ठोस साक्ष्य के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में आरोप-पत्र प्रेषित किया गया था। 
      पुलिस अधीक्षक शामली द्वारा उक्त मामले में कोतवाली कैराना पुलिस को नियमित रूप से प्रभावी पैरवी हेतु निर्देश दिये गये थे। न्यायालय में सुनवाई के दौरान एक नामजद आरोपी की मौत हो चुकी है। गत शुक्रवार को शेष 8 नामजद आरोपियों को न्यायालय ने दोषी करार दिया था। तथा फैसला अगले दिन शनिवार को सुनाने का नियत किया था।
       शनिवार को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 मुजफ्फरनगर के विद्वान न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय द्वारा दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात उपरोक्त हत्याभियुक्तों को धारा 147 भादवि में एक-एक वर्ष का कारावास, धारा 148 भादवि में प्रत्येक अभियुक्त को दो-दो वर्ष कारावास, धारा 307 भादवि में प्रत्येक को दस-दस वर्ष का कारावास व दस-दस हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, अर्थदण्ड अदा न करने पर छह-छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा एवं धारा 302 / 149 भादवि में प्रत्येक अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा व 25-25 हजार रुपये का अर्थदण्ड, अर्थदंड अदा न करने पर 01-01 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी है।
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