आस्था का केंद्र मानव चेतना केंद्र आश्रम ऊंचागांव
👉 आश्रम में हुआ 500वें सुंदरकांड का पाठ, राम नाम के गूंजे जयकारे

कैराना। ऊंचागांव स्थित मानव चेतना केंद्र आश्रम श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। आश्रम में श्रीराम चरित मानस सुंदरकांड का 500वें पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। स्वामी ब्रह्म स्वरूपानन्द महाराज ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण करते आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान श्रीराम भक्त हनुमान के भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला।
   मंगलवार को ऊंचागांव में स्थित मानव चेतना केंद्र आश्रम में श्री राम चरित मानस सुंदरकांड का 500वां पाठ बड़ी धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम हनुमान प्रतिमा व मंदिर को फूल—मालाओं से सजाया गया। तत्पश्चात हनुमान जी की विशेष पूजा—अर्चना की गई। आश्रम में एकत्रित हुए श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड प्रवक्ता मास्टऱ राधेश्याम शर्मा के साथ मिलकर श्रीराम चरित्र मानस सुंदरकांड का पाठ किया। साथ ही, राम भजन व हनुमान भजन करते हुए श्रद्धालु झूमते नजर आए तीन घंटे तक चले सुंदरकांड के पाठ के दौरान हर कोई राम नाम के नाम में डूबा दिखाई दिया। वहीं, आश्रम में पहुंचे स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम् शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया। इस दौरान जगपाल प्रधान, सुरेश, राजकुमाऱ, श्याम सिंह, गौरव कौशिक, अमित कौशिक, मोनू पंवार, वंश कौशिक, विपुल शर्मा, दीपक सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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👉 हनुमान मंदिर की हुई थी स्थापना
मास्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया की मानव चेतना केंद्र आश्रम में श्री हनुमान मंदिर की स्थापना स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम् शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज के आशीर्वाद से 26 जनवरी 2014 में की गई थी। इसके दो दिन बाद से ही सुंदरकांड पाठ प्रारंभ हो गया था। उन्होंने बताया की प्रभु श्रीराम व हनुमान जी के आशीर्वाद से यह पाठ लगातार हर मंगलवार किया जा रहा है। अब पूरे 500 पाठ हो गए हैं।
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👉 मनोकामना होती है पूर्ण
मानव चेतना केंद्र की स्थापना करीब 38 वर्ष पूर्व स्वामी विशुद्धानंद महाराज ने की थी। इस आश्रम में श्री बद्रीनाथ, श्री जगरनाथ, श्री रामेश्वर व श्री द्वारिकधीस सहित चार धाम विराजमान हैं। इस आश्रम में हनुमान मंदिर भी है तथा स्वामी विशुद्धानंद महाराज की प्रतिमा भी हैं। मान्यता है कि जो श्रद्धालु इन चारों धाम की परिक्रमा कर महाराज की प्रतिमा को नमन करते हुए हनुमान मंदिर में शीष नवाता है तथा सच्चे दिल से मन्नतें मांगता है, तो वह मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
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