हम सब शुद्ध सचिदानन्द ब्रह्म है...ब्रह्म स्वरूपानंद

कांधला। माता मंदिर में चल रहे प्रवचन में महाराज जी ने बताया की हम सब शुद्ध सचिदानंद ब्रह्म है। सत्संग  को सुनने से मनुष्य को अपने स्वरूप की पहचान हो जाती है।
       सोमवार को कांधला कस्बे में स्थित माता वैष्णों मंदिर में चल रहे प्रवचन में स्वामी विशुद्धानन्द महाराज के परम शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानन्द महाराज ने अपने प्रवचन में बताया की सब कुछ मनुष्य के अंदर ही है। सत्संग सुनने व सत्संग का मनन करने से मनुष्य को स्वम की पहचान हो जाती है। गुरु के बगैर मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। जो मनुष्य सच्चे मन से परमात्मा का मनन करते है ओर उनमे लीन रहते है, ऐसे मनुष्य भगवान को सर्वोपरी होते है। जैसे गन्ने के अंदर से रस निकलता है। लेकिन दिखाई नहीं देता, जैसे हवा को महसूस किया जाता है। लेकिन हवा दिखाई नहीं देती, वैसे ही परमात्मा हर जीव के अंदर वास करते है, लेकिन दिखाई नहीं देते। मनुष्य छोटा-बड़ा हो सकता है लेकिन आत्मा सब के अंदर एक ही है। इस लिए हम सब शुद्ध सच्चिदानंद ब्रह्म है। सब कुछ करते तो भगवान ही है लेकिन वो दिखाते नहीं है। हम करते कम है ओर दिखाते ज्यादा है। गुरु के बगैर परमात्मा को प्राप्ति नहीं हो सकती है। वही सुंदर भजन-कीर्तन के साथ प्रवचन को विराम दिया गया। इस दौरान नगर व दूरदराज से मंदिर में पहुँचे सेकड़ो श्रधांलुओं प्रवचन श्रवण किये।