उर्दू आज भी मुशायरों से है, ज़िंदा : अलहाज कौसर ज़ैदी

👉 गत रात्रि हुआ शानदार शेरी महफ़िल का आयोजन
 
कैराना। कस्बे के मौहल्ला अंसारियान सिदरयान गत रात्रि एक शेरी महफ़िल आयोजित की गई जिसकी सदारत सऊद सिद्दीकी ने की तथा सफ़ल संचालन शायर अंसार सिद्दीकी ने किया। 
         रविवार की रात्रि अंजुमन ख़ुलुसो अदब के बेनर तले एक शाम शायरों के नाम से एक शेरी महफ़िल का आयोजन किया गया जिसमें शायरों ने अपने-अपने शेर सुना कर वाहवाही बटोरी, शेरी महफ़िल का आग़ाज़ कारी मुज़म्मिल की नाते पाक से हुआ।
       शेरी महफ़िल में स्थानीय शायरों व बेरुनी शायरों ने भाग लिया जिसमें सलीम जावेद डुंडूखेडवी, उस्ताद शायर कौसर ज़ैदी, अंसार अहमद सिद्दीकी, उस्मान उस्मानी, मास्टर अतीक शाद, मास्टर नसीम आदिल,अनीस ज़िगर, ज़हीर अहमद ज़हीर, हाजी अकबर अंसारी, डाक्टर सलीम अख्तर फ़ारुकी, कवि विनोद बालान व वसी हैदर साकी आदि ने अपने-अपने कलाम पढ़कर महफ़िल को चार चांद लगाते जमकर दाद वाहवाही बटोरी। 
    वहीं, अंत में उस्ताद शायर अलहाज कौसर ज़ैदी ने उर्दू के हवाले से उर्दू को कैसे आगे बढ़ाया जाये पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। और कहा आज की महफ़िल बहुत शानदार रही लिहाजा आज से जो शेरी महफ़िल शुरू हुई है यह आगे भी जारी रहा करेगी प्रत्येक माह शेरी महफ़िल का आयोजन किया जाएगा। 
     दूसरी ओर महफ़िल की अध्यक्षता कर रहे सऊद सिद्दीकी ने भी उर्दू के फ़रओग़ के लिए ऐसी महफिलों के आयोजन का होते रहने को सही बताया। अलहाज कौसर ज़ैदी ने सभी शायरों और श्रोताओं का शुक्रिया अदा किया।
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