उत्तर प्रदेश में पेरेंट्स ने यदि नाबालिग बेटे या बेटी को दुपहिया या चौपाहियां वाहन दिया तो नही है खैर


👉 पेरेंट्स को होगी 3 साल की सजा व लगेगा 25 हजार रूपये का जुर्माना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर/किशोरियों पर 2 पहिया और चार पहिया वाहन चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है। यदि कोई अभिभावक अपने नाबालिग बच्‍चों को वाहन चलाने के लिए देता है तो उसे 3 साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
       इस आदेश में कहा गया है कि कोई अभिभावक 18 साल से कम उम्र के लड़के या लड़कियों को वाहन चलाने के लिए नहीं देगा नहीं तो उसका जिम्‍मेदार वह स्‍वयं होगा। अगर नाबालिग वाहन चलाते पाए गए तो इसका जिम्‍मेदार उनके माता पिता को ही माना जाएगा। ऐसे अभिभावकों को तीन साल तक की सजा और 25 हजार रुपया जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। इसके साथ ही वाहन का लाइसेंस एक साल के लिए निरस्‍त कर दिया जाएगा।
          जो नाबालिग वाहन चलाते अगर सड़क पर पकड़े गए तो ऐसे लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस भी 25 साल के बाद ही बनेगा। हाईस्‍कूल और इंटर के लड़के और लड़कियां अधिकतर स्‍कूटी और अन्‍य वाहनों से स्‍कूल आते हैं। लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए वे दुर्घटनाओं का भी शिकार बन जाते हैं। इस दुर्घटना में वे सड़क पर चल रहे निर्दोष राहगीरों को भी चोट पहुंचा देते हैं। एक्‍सीडेंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की तरफ से ये कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
................

Comments