कैराना (शामली)। कस्बे में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष में श्री रामलीला महोत्सव गौऊशाला भवन में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। जिसमें रामलीला महोत्सव के आठवें दिन की लीला का शुभारंभ रामलीला कमेटी के डायरेक्टर डॉ रामकुमार गुप्ता के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
श्री रामलीला कमेटी के कलाकारों ने रामलीला में दिखाया कि भगवान राम के विवाह के बाद महाराजा दशरथ को ऐसा लगता है कि अब उनका शरीर बुढ़ापे की ओर बढ़ रहा है इसलिए अयोध्या का कोई नया राजकुमार बनाया जाए इस पर गुरु वशिष्ट कहते हैं, कि राम से अच्छा राजा अयोध्या का कोई नहीं हो सकता। जिस पर अयोध्या में भगवान राम के राज्याभिषेक की तैयारी हो रही थी।
इसी दौरान दासी मंथरा ने माता कैकेयी को भड़काया। दासी ने कहा कि राम राजा बने तो भरत का नुकसान होगा। तुम्हारी राजमाता की पदवी छिन जाएगी। और भारत को एक दास की तरह जीवन यापन करना पड़ेगा। जिस पर कैकई को मंत्र की बात समझ में आ जाती है और दासी से इसका उपाय पूछता है। तब दासी मंथरा ने ही कैकेयी को याद दिलाया और कहा कि वह महाराज दशरथ से दो वरदान मांग ले। यह वरदान राजा दशरथ ने युद्ध के दौरान कैकेयी को देने की बात कही थी, लेकिन कैकेयी ने बाद में वरदान लेने की बात कही थी। इसके बाद कैकेयी कोपभवन में चली जाती हैं। इसकी सूचना मिलते ही राजा दशरथ व्यथित हो जाते हैं।
वह रानी कैकेयी के पास पहुंचते हैं। कैकेयी ने राजा दशरथ को वरदान याद दिलाया और राम को राजगद्दी देने की जगह 14 वर्षों के लिए वनवास मांग लिया। और भारत को राज्य अभिषेक मांगा, जिस पर राजा दशरथ बेहद परेशान होते हैं और कैकई को काफी समझाने का पर्यटन करते हैं। लेकिन उसके नए मानने पर राजा दशरथ ने प्राण जाए पर वचन न जाए की नीति का अनुसरण किया। साथ ही दुखी मन से राम को वनगमन का आदेश दे दिया। जब इसकी जानकारी भगवान राम को होती है तो वह प्रसन्नतापूर्वक माता वनवास स्वीकार कर लेते हैं जिस पर जब यह जानकारी लक्ष्मण जी और सीता जी को होती है तो वह भी साथ में वन को जाने की जिद करते हैं। लेकिन भगवान राम के समझाने पर भी वह नहीं मानते हैं और वन की ओर चल पड़ते हैं l
महाराजा दशरथ अपने मंत्री सुमंत और सभी प्रजावासियों को रामचंद्र जी के साथ जाने का आदेश देते हैं l अयोध्या की प्रजा को जब यह बात पता चलती है तो सभी नर-नारी महल की ओर दुखी मन से दौड़ पड़ते हैं। राम, लक्ष्मण, जानकी को वनवासी के भेष में देखकर अयोध्यावासी भावुक हो गए। फफक कर रोने लगे।
इस दौरान राम का अभिनय रोहित कुमार, लक्ष्मण का अभिनय शिवम गोयल, सीता का सागर मित्तल, गुरु वशिष्ठ का डॉक्टर सुशील कुमार, मुनादी का पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ, राजाओं का राकेश वर्मा, अमित सिंगल, डिंपल अग्रवाल, सुरज वर्मा, पुनीत गोयल, विराट, सोनू कश्यप व शुभ गर्ग ने किया l कोप भवन की सुंदर झांकी सीनरी डायरेक्ट सुनील टिल्लू ने लगाई l
इस अवसर पर मुख्य रूप से श्री रामलीला कमेटी कैराना के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट, सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, डॉ रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट, डॉक्टर सुशील कुमार, विक्की, अभिषेक गोयल, संगीत गर्ग, विकास वर्मा, राहुल सिंघल, अश्विन सिंघल, विजय नारायण तायल, आशु गर्ग, मनोज मित्तल, सोनू नेता, ऋषि पाल शेरवाल, अंकित जिंदल, सनी मास्टर, अमित सेन, प्रमोद गोयल, पंडित मोहित, विपुल कुमार जैन, अभिषेक भारद्वाज व सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।
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