मैं भी मांग के देखू मां, जिसने जो मांगा वो पाया है ....ब्रह्म स्वरूपानंद

कैराना (शामली)। मानव चेतना केंद्र आश्रम ऊंचागांव में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के दूसरे दिन स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया जैसे बिजली एक है और काम अनेक है ऐसे ही भगवान तो एक ही है लेकिन उनकी कृपा अलग अलग जगह दिखाई देती है, करता तो सब कुछ भगवान ही है लेकिन वह दिखाई नही देता, इस कारण मनुष्य उसे अपना समझ लेता है। जिससे कारण वह जन्म मरण के चक्कर में पड़ा हुआ है।
       रविवार को मानव चेतना केंद्र आश्रम ऊंचा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने अपनी अमृतवाणी करते हुवे बताया कि आत्मा में कोई दोष नही होता, आत्मा तो एक ही है। मनुष्य को देवी मईया के श्री चरणों में जाना चाहिए और माता से कहिए ऐ मां कृपा करिए में तो इस संसार से हार चुका हु, मुझ पर कृपा कीजिए आपके शिवाय कहा जाऊंगा। 
       महाराज ने बताया जेसी मनुष्य की दृष्टि होती है उसे वैसी ही सृष्टि दिखाई देने लगती है। जिस मनुष्य को भगवान प्रिय है उन आत्माओं को पशु, पक्षी, सभी में भगवान दिखाई देते है। ज्ञानी मनुष्य किसी से घृणा नही करते, वह तो सब को समान समझते है। अज्ञानी मनुष्य सदा अपनी अपनी प्रशंसा चाहता है। मनुष्य को कभी भी किसी से आशा नही रखनी चाहिए। हमारा शरीर मल मूत्र का थैला है जिसे हम सुंदर समझ रहे है ये हमारी भूल है। सच्चा साथ तो भगवान व संतों का है। जो हमे मोक्ष का द्वार दिखाते है। हमारी सांसों की पूंजी खत्म होती जा रही है लेकिन हम मेरा मेरी के चक्कर में इस जीवन को समाप्त करते जा रहे है, इस संसार से कुछ मिलने वाला नही है। आनंद केवल मनुष्य के अंदर है और मनुष्य इसे इधर उधर देखता फिरता है। माता सबका कल्याण करती है हमे भी माता के श्री चरणों में जाना है जिसके चरणों में जाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, और जन्म मरण से मुक्ति मिलती है।
       वही, सुंदर भजन के साथ दूसरे दिन की कथा समापन की गई है। इस दौरान गांव व दूर दराज से आश्रम में पहुंचे सैकडो श्रद्धालुओ ने कथा श्रवण की।
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👉 10 नवंबर को आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन
श्रीमद् देवी भागवत कथा के चलते स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया कि आगामी रविवार यानी 10 नवंबर को आश्रम में 41 वें विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमे सुबह के समय हवन यज्ञ कर महाराज की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी उसके बाद भजन संध्या और प्रवचन किए जायेगा, दोपहर के समय भंडारा शुरू किया जाएगा।
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