चाँद ने कहा रात ने सुना तू भी सुन ओ बेखबर स्कूल चल, स्कूल चल...आयी है चाँदनी सबसे कहने यही स्कूल चल, स्कूल चल...

कैराना (शामली)l ऐसे लुभावने स्लोगन सुनाकर बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल ला रहे हैं और जेब मे टॉफी और चॉकलेट रखते हैं । बच्चों को देकर अपने पास बैठाते हैं तब उन्हें स्कूल जाने के लाभ समझाते हैं प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ़ कैराना के प्रधानाध्यापक राकेश सैनी। 
     बुधवार को स्कूल के आस पास की बस्तियों का स्कूल चलो अभियान के लिए दौरा किया और पाया की आज भी ऐसे परिवार हैं जो शिक्षा की रौशनी से वंचित हैं। बच्चों के अभिभावको ने बताया की आस पास कोई स्कूल भी नही है, और न ही आज तक हमे कोई इस तरह समझाने आया है जिस तरह आप समझा रहे हैं। 
     प्रधानाध्यापक राकेश सैनी ने उन्हें समझाया की आप एक बार अपने बच्चों को प्राथमिक स्कूल बदलूगढ़ कैराना मे  पंजिकृत कराकर तो देखो। बच्चों को स्कूल भेजना तो शुरू करो फिर शिक्षा से सम्बंधित बच्चों कि हर समस्या का समाधान होगा। जहां तक दूरी की बात है तो भारत के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जब छोटे थे तो आठ किलोमीटर पैदल स्कूल जाया करते थे। जब तक आप लोगो की शिक्षा के प्रति रुचि नही होगी तब तक ही समस्या बड़ी लगती है । इसलिए अपने बच्चों को तुरन्त पंजिकृत कराओ। आप  देखना जब बच्चे पढ़ना सीख जाएंगे चाँद की रौशनी मे भी पढ़ा करेंगे।
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