मंसूरी समाज के स्तंभ चौधरी नफीस मंसूरी कैरानवी के असामयिक निधन पर छाया शोक


कैराना (शामली)। कस्बा कैराना के मौहल्ला आलकलां क्षेत्र में मंसूरी समाज के एक अद्वितीय और प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, चौधरी नफीस मंसूरी (50 वर्ष) ने बुधवार शाम 4:35 बजे बीमारी से जिंदगी की जंग हारते हुए इस फानी दुनिया को अलविदा कह दिया। 
      उनका परिवार, उनके करीबी, और पूरा मंसूरी समाज आज गहरे शोक में डूबा हुआ है। चौधरी नफीस मंसूरी न केवल कैराना के दिवंगत सांसद बाबू हुकम सिंह के परिवार के नजदीक थे, बल्कि अपने व्यवहार और करुणा से सभी का दिल जीत चुके थे। वह तीन बेटों का सहारा थे - डॉक्टर मुस्तकीम मंसूरी (25 वर्ष), डॉक्टर नदीम मंसूरी (23 वर्ष) और मोईन मंसूरी (19 वर्ष) हैं उनकी अनुपस्थिति इन बेटों के जीवन में एक ऐसी कमी छोड़ गई है जो शायद कभी पूरी नहीं हो पाएगी। 
        बुधवार रात्रि 10 बजे कांधला बस स्टैंड स्थित कब्रिस्तान में उनके शव सपुर्द खाक कर दिया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए उमडा जन सैलाब। जिनकी नमाज़-ए-जनाज़ा निकट कोतवाली के समीप इस्लामिया मदरसे में हजारों नमाजियों ने जमाज अदा कर उनकी मगफिरत की दुआ की। 
     उनके जनाजे में शरीक समाज के सम्मानीय व्यक्तियो मे हाजी नसीम मंसूरी, हाजी जाहिद मंसूरी, हाजी वाजिद मंसूरी, पत्रकार वसीम मंसूरी,भूरा मंसूरी,रईस, इंतेजार, अमित चौधरी, मोहित सिंगल,कपिल सिंगल,चौधरी आबिद मंसूरी,महबूब प्रधान,खुर्शीद,डॉक्टर जाकिर,डॉक्टर जुल्फिकार,डॉक्टर फराज,डॉक्टर वसीम,ठेकेदार नसीम, चांद, नौशाद प्रधान,राव सदाकत,इसराइल,इसरार, अकरम,उमरदीन,मीर हसन,यूसुफ और अन्य व्यक्तित्व शामिल थे। 
      चौधरी नफीस मंसूरी का जाना समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी यादें, उनकी सेवाएं, और उनका दयालु व्यक्तित्व हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगा। यह पल हर किसी के लिए एक गहरा दर्द और उनकी अनुपस्थिति का एहसास कराता है। उनके निधन से पूरा मंसूरी समाज शोकाकुल है, उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और सहनशक्ति मिले। मंसूरी समाज उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग को हमेशा याद रखेगा।
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