आत्महत्या को उकसाने में पति को पांच साल का कारावास


शामली: दो वर्ष पूर्व पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर एडीजे एफटीसी सुबोध सिंह ने पति को पांच साल का कारावास व 15 हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि मामले में मृतका के ससुर और सास को बरी कर दिया गया।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार पुंडीर ने जानकारी देते हुए बताया कि दो जून 2017 को थाना आदर्शमंडी पर ओमकार सिंह निवासी गोहरनी हालनिवासी मोहल्ला आदर्शमंडी ने एक मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि एक जून 2017 की शाम पांच बजे उसकी पुत्री रेणू की पति सौरभ, ससुर नरेंद्र व सास बबीता निवासीगण मोहल्ला रेलपार गली नंबर-5 ने जहरीला पदार्थ देकर हत्या कर दी। विवाहिता की पानीपत के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। वादी की तहरीर पर पुलिस ने हत्या से संबंधित धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। बाद में विवेचना के पश्चात मामले को आत्महत्या में तरमीम कर दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट के समक्ष दस गवाह पेश किए गए। सोमवार को एडीजे एफटीसी सुबोध सिंह ने दोनों पक्षों के तक-वितर्क सुनने व पत्रावलियों का अवलोकन करने के पश्चात मृतका के प​ति सौरभ को दोषी माना, जिस पर उसे पांच साल का कारावास और 15 हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। जबकि कोर्ट ने मृतका के ससुर नरेंद्र व सास बबीता को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।