कैराना के इस शख्स को मिला 'भगीरथ' सम्मान, हर तरफ हो रही प्रशंसा


शामली: खेती-खलिहान में सिंचाई और गिरते भूजल स्तर के लिए गंगा-नदियों का अलग ही महत्व है। यहां जब काठा नदी की सूखती कोख और मिटता अस्तित्व होता देखा, तो प्रमुख समाजसेवी मुस्तकीम मल्लाह ने पुर्नद्धार की मुहिम शुरू की। इसमें उनमें सफलता भी मिली। इसके लिए मुस्तकीम मल्लाह को दिल्ली में आयोजित इंडिया रिवर्स-डे 2019 कार्यक्रम में भगीरथ प्रयास सम्मान से नवाजा गया है। सम्मान मिलने पर उनकी प्रशंसा हो रही है।



शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली झरनों के स्रोतों से उत्पन्न होने वाली काठा नदी की कैराना में आकर कोख सूख गई। इससे काठा नदी का अस्तित्व भी खतरे में नजर आने लगा। ये देखकर प्रमुख समाजसेवी मुस्तकीम मल्लाह के मन में एक टीस उभरी और काठा नदी के पुर्नद्धार के लिए चल पड़े। वर्ष 2010 में उन्होंने मुहिम चलाई। 2016 में उन्होंने जनसहभागिता के चलते मिट्टी के कई लघुबांध बनाए, तो जल संचय में उन्हें सफलता भी मिली। शनिवार को दिल्ली में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित इंडिया रिवर्स-डे 2019 कार्यक्रम में मुस्तकीम मल्लाह को आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय गंगा नदी स्वच्छता अभियान एवं जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक राजीव रंजन मिश्रा, मुख्य कार्यकारी निदेशक डब्ल्यूडब्ल्यूएफ रवि सिंह, आयोजन समिति के सदस्य अभिलाष खांडेकर, यमुना जीवो अभियान के संयोजक मनोज मिश्रा, इंटेक निदेशक मनु भटनागर द्वारा भगीरथ प्रयास सम्मान से नवाजा। बताते हैं कि भारतीय नदी फोरम द्वारा वर्ष 2014 से प्रतिवर्ष भारतीय नदी दिवस मनाया जाता है, जिसमें देशभर में नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए उल्लेखनीय कार्यों को करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मुस्तकीम मल्लाह को सम्मानित करने के साथ ही अतिथियों ने उनसे श्रेष्ठ कार्य करने की भी अपेक्षा की है।






    • सबसे कम उम्र में मिला सम्मान




इंडिया रिवर्स-डे 2019 कार्यक्रम में सम्मान के लिए प्रतिवर्ष देशभर से एक को चुना जाता था। बताया गया कि इस बार सम्मान पाने वाले मुस्तकीम मल्लाह अभी तक सबसे कम उम्र के हैं। उनके कैराना यमुना ब्रिज पर पहुंचने पर कासिम मल्लाह, अजमल मल्लाह, सुलेमान, मासूम अली, इसरान, मोहम्मद अली, सगीर अंसारी, बिल्लू, संदीप सिंह, अजीत कुमार, मोहित शर्मा आदि ने फूल-माला डालकर उनका स्वागत किया। उधर, कांग्रेस के पूर्व विधायक पंकज मालिक, जिलाध्यक्ष दीपक सैनी, अब्दुल हफीज, पूर्व प्रधान फरजंद अली, इरशाद प्रधान व नसीम बीडीसी आदि ने उन्हें बधाइयां दी। उनकी प्रशंसा की जा रही है।






    • यूं मिली प्रेरणा




मुस्तकीम मल्लाह मूलरूप से कैराना क्षेत्र के गांव रामडा के रहने वाले हैं। उनमें बचपन से ही कुछ कर-गुजरने की चाहत थी। जलस्रोतों के भंडारों की सूखती कोख और उ नकी प्यास उनसे देखी नहीं गई। इसके बाद वह काठा के पुर्नजन्म के अभियान में जुट गए। वहीं, मुस्तकीम मल्लाह का कहना है कि जलस्रोतों के भंडार सुरक्षित रहेंगे, तो हम भी जीवित रह सकेंगे। उनका भविष्य में भी यह प्रयास जारी रहेगा।


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