खबर का असर‌ : खनन प्वाइंट को लेकर प्रशासन की टूटी कुंभकर्णी की नींद 

 

खनन प्वाइंट पर इंस्पेक्टर ने खंगाली सीसीटीवी फुटेज, हुई जांच-पड़ताल

 

- नंगलाराई के लोगों ने यमुना पर सेतु बांधने की थी शिकायत, नहीं मिली अनियमितता

 

- मौके पर पर्याप्त मात्रा में मिला सैनिटाइजर व मास्क, नियमानुसार खनन के निर्देश

 

कैराना। यमुना खादर के नंगलाराई में वैध पट्टे की आड़ में नियम-विरूद्ध खनन करने व यमुना पर सेतु बांधने की शिकायतों पर खनन इंस्पेक्टर खनन प्वाइंट पर जांच करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने प्वाइंट पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाली और बारीकी से जांच-पड़ताल की। जांच में मौके पर कोई अनियमितता नहीं पाई गई। खनन इंस्पेक्टर ने नियमानुसार ही खनन करने के निर्देश दिए हैं।

   शासन द्वारा यमुना खादर के नंगलाराई में वैध बालू खनन का पट्टा आवंटित किया गया है। लाॅकडाउन के बीच शासन की गाइडलाइन के अनुरूप पट्टे पर खुदाई का कार्य चल रहा है। पिछले दिनों नंगलाराई के ग्रामीणों ने वैध पट्टे की आड़ में नियम-विरूद्ध रात-दिन खनन किए जाने की शिकायत की थी। ग्रामीणों का आरोप था कि यमुना नदी पर सेतु बांध दिया तथा यमुना नदी की जलधारा को मोड दिया गया है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को खनन इंस्पेक्टर ब्रिजेश कुमार गौतम हल्का लेखपाल जमना प्रसाद व उमेशचंद के साथ में खनन प्वाइंट पर पहुंचे। जहां उन्होंने शिकायतों की सत्यता की जांच-पड़ताल की। खनन इंस्पेक्टर ने पट्टाधारक से पूछताछ की। पट्टाधारक ने बताया कि रात्रि में किसी भी प्रकार का खनन नहीं किया जा रहा है। दिन में खनन करते हैं और रात में यदि मशीन चलती है, तो उनके द्वारा वाहनों में रेत को लोड किया जाता है। खनन इंस्पेक्टर ने खनन प्वाइंट पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली। मौके पर सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था व मास्क की उपलब्धता भी देखी गई।

     खनन इंस्पेक्टर ब्रिजेश कुमार ने बताया कि जांच के दौरान यमुना नदी पर कोई सेतु नहीं पाया गया और ना ही यमुना की जलधारा मोडी गई। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली गई है। रात में खनन नहीं होता है, बल्कि वाहन में रेत की लोडिंग होती है। ग्रामीणों के आरोप निराधार पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौके पर सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था मिली है। सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होता पाया गया। 

    खनन इंस्पेक्टर ने बताया कि वर्ष में नौ माह में पट्टाधारक को करीब साढ़े तीन लाख घनमीटर रेत उठाने की अनुमति है। जबकि बरसात में तीन माह के लिए खनन पर पूर्णतः रोक रहती है। खनन पट्टे का रकबा लगभग 375 बीघा है। खनन इंस्पेक्टर ने बताया कि पट्टाधारक को नियमानुसार ही खनन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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