रेत माफिया की बढ़ी भूख, यमराज बनकर दौड़ रहे ओवरलोड वाहन
- नंगलाराई में बेरोकटोक चल रहा ओवरलोड परिवहन संचालन, सरकार को पहुंचा रहे राजस्व हानि कैराना। बरसात के नजदीक आने के साथ ही रेत खनन माफियाओं की भूख बढ़ गई लगती है। नंगलाराई खनन स्थल से खनन माफिया रेत स्टॉक करने की होड़ में बेरोकटोक ओवरलोड परिवहन का संचालन कर रहे हैं। रेत से भरे इन ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कों की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। माफिया सरकार को भारी राजस्व कह हानि पहुंचा रहे हैं, बावजूद इसके जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। मानसून को लेकर एक जुलाई से 30 सितंबर तक पांच वर्ष के लिए आवंटित वैध बालू खनन पट्टों पर खदान पर प्रतिबंध रहता है। इससे पहले खनन ठेकेदार रेत को स्टॉक कर लेते हैं। यमुना खादर के नंगलाराई में आवंटित वैध बालू खनन पट्टे की आड़ में माफिया बन चुके ठेकेदारों की धींगामुश्ती चल रही है। जहां से ओवरलोड परिवहन का संचालन बेरोकटोक चल रहा है और माफिया खुरगान रोड किनारे पर रेत स्टॉक करने में लगे हुए हैं। रेत स्टॉक अपनी जगह है, लेकिन ओवरलोड वाहनों का संचालन ठीक नहीं कह सकते हैं। ये वाहन यमुना तटबंध से होते हुए मलकपुर गांव से होकर फर्राटा भर रहे हैं। सड़कों की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। गड्ढों के कारण लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। मार्ग पर धूल के कारण राहगीरों का सफर करना दुश्वार रहता है। नंगलाराई में माफिया बेखौफ होकर सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग और प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। --- खड़ा किया जा रहा रेत का पहाड़ किसी भी खनन ठेकेदार को रेत स्टॉक करने की अनुमति दी जाती है। बाकायदा कितने घनमीटर तक रेत स्टॉक की जा सकती है, इसके मानक भी निर्धारित किए जाते हैं। नंगलाराई से रेत लाकर खुरगान रोड किनारे किये जा रहे स्टॉक की अनुमति का विषय जांच का है, लेकिन इतना कह सकते हैं कि यहां पर रेत का जैसे पहाड़ खड़ा किया जा रहा है। --- नियम-कायदे होते रहे दरकिनार, लगा था जुर्माना नंगलाराई में वैध पट्टे की आड़ में खनन माफिया तमाम नियम-कायदों की धज्जियां भी उड़ाते रहे हैं। फरवरी माह में खनन स्थल पर जांच के दौरान भारी अनियमितताएं पाई गई थी, जिस पर पट्टाधारक पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया गया था। इसके अलावा नंगलाराई में पिछले दिनों एनजीटी द्वारा गठित विशेष टीम भी जांच करने पहुंची थी। वहीं, नंगलाराई में खनन पट्टे का विरोध भी होता रहा है।
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