न्यायालय ने फर्जी दस्तावेज के मामले में तीन विदेशी नागरिक सगे भाइयों को सुनाई छह माह की सजा
- दो हजार रुपये के अर्थदंड का लगाया जुर्माना
- वर्ष 2019 में जलालाबाद से हुई थी तीनों आरोपी सगे भाइयों की गिरफ्तारी
कैराना। न्यायालय ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने व भारतीय वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भारत में रहने के मामले में तीन विदेशी नागरिकों को 6 माह का कारावास तथा ₹2000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
बतां दें कि वर्ष 2019 में थानाभवन थाना क्षेत्र के कस्बा जलालाबाद से फर्जी दस्तावेज तैयार करने व भारतीय वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भारत में रहने के मामले में फुरकान हुसैन, रिजवान खान व नौमान अली पुत्रगण मोहम्मद हुसैन निवासीगण पाबेडान थाना कोजेडान यंगून म्यांमार को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पता चला था कि यह तीनों सगे भाई हैं, जो भारतीय वीजा समाप्त होने के बावजूद भी भारत में रह रहे थे,उनके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर यूएनएचसीआर नई दिल्ली से शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करके भारत में रहने की कोई सूचना नहीं दी गई थी। इस संबंध में आरोपियों के विरूद्ध थानाभवन थाने पर संबंधित धाराओं में नामजद मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इसके बाद आरोपियों को कैराना स्थित सक्षम न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था।
मामले में विवेचना के उपरांत पुलिस की ओर से आरोप पत्र सक्षम न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट शामली स्थित कैराना में दाखिल कर दिया गया था। एसएसपी शामली ने मामले में मॉनीटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी और पुलिस की ओर से 4 गवाहों की गवाही को समय से कराये जाने के चलते कैराना स्थित न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट शामली अरुण सिंह ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क- वितर्क सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात तीनों अभियुक्त विदेशी नागरिक सगे भाइयों को दोषी ठहराया है। तथा तीनों अभियुक्तों को छह माह का कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी तबस्सुम ने पैरवी की।