मंदिर चोरी प्रकरण में प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम
- शिव सेवा सनातन मंडल ने एडीएम को ज्ञापन देकर तीसरे दिन उठाया धरना, कार्रवाई न होने पर बनाएंगे रणनीति

कैराना। कस्बे के दो प्राचीन मंदिरों में चोरी के प्रकरण में श्रद्धालुओं, व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को घटनाओं का खुलासा करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि समयावधि में यदि चोर नहीं पकड़े गए और अभद्रता करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं हुई, तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। धरनास्थल पर शिव सेवा सनातन मंडल के बैनर तले मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन पत्र एडीएम को सौंपा गया। इसके साथ ही, तीसरे दिन धरना समाप्त कर दिया गया।
   कस्बे के प्राचीन बाला सुंदरी देवी मंदिर में 22 अगस्त की रात में चोरों ने गेट उखाड़कर और ताले तोड़कर सोने-चांदी के मुकुट एवं छत्र चोरी कर लिए थे। इस घटना का खुलासा भी नहीं हुआ था कि 29 अगस्त को दिनदहाड़े चोरों ने कुछ ही दूरी पर स्थित सिद्धपीठ बाबा बनखंडी महादेव मंदिर में धावा बोल दिया था, जहां से शेषनाग व छत्र चोरी कर लिया था। घटना से श्रद्धालुओं व व्यापारियों में भारी आक्रोश फैल गया था। इसके बाद एक पुलिस अधिकारी पर घटनास्थल पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए चौक बाजार में धरना शुरू कर दिया गया था। साथ ही, बाजारों को भी बंद करा दिया गया था, जिसका मिला-जुला असर देखने को मिल रहा था। धरनास्थल पर पालिकाध्यक्ष हाजी अनवर हसन व भाजपा नेता अनिल चौहान भी डेरा डाले रहे। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल के विधायक प्रसन्न चौधरी, सपा विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन, बार एसोसिएशन कैराना ने भी अपना समर्थन दिया था। भाजपा एमएलसी के पुत्र मनीष चौहान भी धरनास्थल पर पहुंचे थे। जबकि भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी के नहीं पहुंचने से नाराजगी थी। उनका लापता होने से संबंधित पोस्टर भी वायरल हुआ था। देर शाम धरनास्थल पर पहुंचे सांसद के पुत्र अंशुमन चौधरी का विरोध करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए गए थे, जिस पर उन्हें वापस ही लौटना पड़ा था। मंगलवार देर रात डीएम जसजीत कौर व एसपी अभिषेक ने धरनारत लोगों में 14 सदस्यों की कमेटी के साथ बैठक की। वार्ता के दौरान कमेटी के लोगों ने अपनी मांगें दोनों अधिकारियों के समक्ष रखी, जिस पर उन्होंने कार्रवाई हेतु तीन-चार दिन का समय देने की कही। इसके बाद बुधवार को मांगों से संबंधित ज्ञापन देकर धरना समाप्त पर सहमति बन गई।
      बुधवार को तीसरे दिन भी धरना जारी रहा। बाजारों में अधिकतर दुकानें बंद रहीं। हालांकि, साप्ताहिक बंदी थी। धरने को संबोधित करते हुए पालिकाध्यक्ष हाजी अनवर हसन ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम हम सब एक है। एकुजटता के साथ लड़ाई लड़ेंगे। शासन-प्रशासन से टकराने से भी पीछे नहीं हटेंगे। भाजपा नेता अनिल चौहान ने कहा कि प्रशासन बात करना चाहता है, लेकिन डर रहा है। पुलिस का रवैया खराब है। वहीं, कांधला व्यापार मंडल के पदाधिकारियों तथा भाकियू नेता कुलदीप पंवार ने अजीत निर्वाल, इमरान एडवोकेट व आमिर अली आदि के साथ धरनास्थल पर पहुंचकर समर्थन दिया। कुलदीप पंवार ने कहा कि नशे का कारोबार चरम पर है, जिस कारण घटनाएं बढ़ रही है। नशा कारोबारियों के साथ ही घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। मंदिरों में हुई घटना का पुलिस जल्द से जल्द खुलासा करें। धरने के दौरान पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई तथा चोरी का खुलासा करने एवं अभद्रता करने वाले पुलिस अधिकारी को निलंबित करने की मांग की गई। दोपहर करीब दो बजे धरनास्थल पर एडीएम संतोष कुमार सिंह, एएसपी ओपी सिंह, एसडीएम शिवप्रकाश यादव व सीओ बिजेंद्र सिंह भड़ाना पहुंचे। जहां शिव सेवा सनातन मंडल के बैनर तले मुख्यमंत्री को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन पत्र एडीएम को सौंपा गया। उन्होंने प्रशासन को घटनाओं के खुलासा करने व अभद्रता करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के लिए तीन सितंबर तक का समय दिया है। चेताया है कि यदि कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इस दौरान पालिकाध्यक्ष हाजी अनवर हसन, भाजपा नेता अनिल चौहान, ब्लॉक प्रमुख हर्षल चौधरी, उप्र उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष अंकित गोयल, व्यापार मंडल के दोनों गुटों के नगर अध्यक्ष विपुल कुमार जैन, अनिल कुमार गुप्ता, सर्राफा यूनियन अध्यक्ष राकेश वर्मा व समाजसेवी एवं पालिका सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।