या हुसैन की सदा से गूंजी फिजा, जार-जार रोए सोगवार

- यौम-ए-आशूरा पर शिया सोगवारों ने निकाला ताजिया जुलूस, जंजीरों के साथ किया खूनी मातम
- सुरक्षा के लिहाज से पुलिस व पीएसी बल रहा तैनात

कैराना। हजरत इमाम हुसैन व करबला के 72 जानिसारों की याद में शिया सोगवारों ने यौम-ए-आशूरा के मौके पर ताजिया जुलूस निकाला। इस दौरान सोगवारों ने जमकर सीनाजनी करते हुए खूनी मातम किया। जुलूस में या हुसैन की सदाओं से फिजा गूंज उठी। वहीं, सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस व पीएसी बल तैनात रहा।
   मंगलवार को दस मोहर्रम (यौम-ए-आशूरा) के मौके पर हजरत इमाम हुसैन व करबला के 72 शहीदों की याद में मोहल्ला अंसारियान स्थित छोटे इमामबाड़े से ताजिया एवं मातमी जुलूस निकाला गया, जो नोहाखानों व मातमदारों के साथ बड़े इमामबाड़े पर पहुंचा। जहां या हुसैन की गगनभेदी सदाओं के साथ सोगवारों ने जमकर सीनाजनी करते हुए धारदार छूरियों, ब्लैड व जंजीरों आदि से खुद को लहुलूहान किया। इस मौके पर अलहाज कौसर जैदी, अलहाज अली हैदर जैदी, बाकर रजा, गुलजार अली, फैसल अली, मो. आगाज व जाफर अली ने नोहाखानी की तथा मर्सिया पढ़ी। जुलूस में एक दर्जन से अधिक अलम को अलमदार लिये हुए थे तथा बड़ी संख्या में लोगों ने जुलजनाह दर्शन किए। 
      वहीं, मोहल्ला आलकलां स्थित रजा अली खां के अजाखाने से ताजिये, अलम व जुलजनाह का दूसरा जुलूस बरामद हुआ। इस दौरान जुलजनाह की बाग नवाब रजा अली खां पकड़े हुए थे। जुलूस में हजरत अब्बास के अलम के साथ एक दर्जन से अधिक अलम चल रहे थे। मातमदारों का यह जुलूस शामली रोड पर स्थित पूर्व जगदीश प्रसाद महाविद्यालय परिसर में करबला में संपन्न हुआ।
      इससे पूर्व मौलाना जावेद नजफी ने इमामबाड़े में मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि दस मोहर्रम के दिन हजरत इमाम हुसैन व उनके परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूटा, लेकिन अंत में सच्चाई के पथ पर चलते हुए विजय उन्हीं के नाम लिखी गई।
     उन्होंने कहा कि छह माह के अली असगर के सीने पर जब दुश्मनों का तीर लगा, तो जमीन व आसमान कांप उठे। मौलाना ने कहा कि हर वो इंसान जिसके अंदर मानवता है, वो करबला से सबक लें।
       मौलाना इकरार हुसैन ने हजरत इमाम हुसैन के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। मौलाना रजी बिस्वानी जौनपुर ने कहा कि दस मोहर्रम महत्वपूर्ण दिन है। हमें नई नस्लों को इससे रूबरू कराना चाहिए।
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दहकते हुए अंगारों पर किया मातम
शिया सोगवारो ने नौ मोहर्रम की देर रात मोहल्ला अंसारियान स्थित छोटे इमामबाड़े मे आग के दहकते अंगारो पर मातम किया। इस दृश्य को देखने के लिए भारी भीड रही। तत्पश्चात शिया सोगवारो द्वारा ताजिया जुलूस निकाला गया। वही, दुसरा ताजिया जुलूस बडे इमामबाड़े से निकाला गया। दोनो ताजिया जुलूस सिदरयान पहुंचकर बरामद हुए।
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दो दिवसीय रखे रोजे, अखाड़ों में दिखाए कर्तब
शिया समाज के अलावा सुन्नी समाज के लोगों ने नौ और दस मुहर्रम के दो दिवसीय रोजे रखें। वहीं, मंगलवार को यौम-ए-आशूरा पर अखाड़ों का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने हैरतअंगेज कर्तब दिखाए। बाद में गरीब एवं असहाय लोगों को भोजन, कपड़ा आदि वितरित किया गया तथा कर्बला के शहीदों को खिराज-ए-अकीदत पेश किया गया।
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कड़ी रही सुरक्षा, रूट किया डायवर्ट
यौम-ए-आशूरा पर ताजिया जुलूस के दृष्टिगत पुलिस तथा पीएसी बल तैनात रहा। इसके अलावा यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए रूट भी पुलिस द्वारा डायवर्ट कर दिया गया, ताकि शिया सोगवारों व राहगीरों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।