रेत की दीवार खड़ी कर मोड़ दी यमुना की धार
- मंडावर में पॉर्कलेन मशीन से खनन ठेकेदार की करतूत का वीडियो वायरल
- किसानों ने भी भूमि से अवैध खनन का आरोप लगा की शिकायत
कैराना। यमुना खादर क्षेत्र के मंडावर में वैध बालू पट्टे की खनन माफिया द्वारा एनजीटी की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। खनन ठेकेदार ने पॉर्कलेन मशीनों से रेत के दीवारनुमा टीले लगाकर यमुना नदी की बहती जलधारा को मोड़ दिया है। यही नहीं, जलधारा के बीच से रेत निकाली जा रही है। खनन माफिया की करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी खनन विभाग व प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं, किसानों द्वारा भूमि से अवैध खनन करने का आरोप लगाते हुए उच्चाधिकारियों को शिकायती-पत्र भेजा है।
        तहसील कैराना क्षेत्र के गांव मंडावर यमुना खादर में प्रशासन द्वारा रेत खनन का पट्टा आवंटित किया गया है। जहां कोर्ट के आदेश और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप ही खदान की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद खनन ठेकेदार ने तमाम नियम-कायदों को दरकिनार कर रखा है। सोमवार को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुई है। वीडियो मंडावर रेत खनन स्थल की बताई जा रही है, जिसमें यमुना नदी की जलधारा के बीचों-बीच रेत की बड़ी ढांग लगाई गई है, जिस कारण यमुना का पानी दूसरी ओर से बहता दिख रहा है। इसके अलावा वीडियो में यमुना के गहने पानी के बीच दो स्थानों पर दो पॉर्कलेन मशीन खडी है। मशीन पानी के अंदर गहराई से रेत निकालती दिख रही है। जबकि एनजीटी के सख्त आदेश है कि यमुना नदी की जलधारा से न छेड़छाड़ की जा सकती है और न ही उसे प्रभावित किया जा सकता है। साथ ही, पानी के अंदर गहराई से रेत खनन पर भी प्रतिबंधित है। ऐसा प्रतीत होता है कि खनन माफियाओं को न एनजीटी का खौफ है और न ही प्रशासन की किसी कार्यवाही का डर। शायद यही कारण है कि माफिया मनमानी के चलते यमुना नदी का अस्तित्व से खेल रहे हैं। भविष्य के लिए खनन माफियाओं की करतूत खादर के किसानों और तटवर्ती बाशिंदों के लिए चिंता का सबब बनती भी नजर आ रही है। इसके बावजूद खनन विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। वहीं, प्रशासन की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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खनन के खिलाफ मुखर हुए किसान, की शिकायत
क्षेत्र के गांव खुरगान निवासी मुमताज व उसके चचेरे भाई तासिम सहित आधा दर्जन ग्रामीणों ने तीन दिन पहले डीएम को शिकायती पत्र भेजा था। पत्र में आरोप लगाया था कि मंडावर रेत खनन ठेकेदार उनकी भूमि पर अवैध रूप से खनन कर रहे है, जिससे उनको काफी नुकसान हो रहा है। जब वे अपनी कृषि भूमि पर जाते हैं, तो खनन करने वाले गाली-गलौच करते हुए धमकी देते हैं। एक सप्ताह पूर्व आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की थी। इसके अलावा अन्य अधिकारियों को भी इस बाबत शिकायती पत्र भेजा गया है।