मंडावर में वैध पट्टे की आड़ में अवैध खनन जोरों पर, अधिकारी मौन

- नियम व कायदे- कानून की उड़ाई जा रही है खुली धज्जियां
- तहसील क्षेत्र के यमुना खादर क्षेत्र के गांव मंडावर सहित आदि गांव के रेत खनन का मामला
- जिलाधिकारी शामली से ग्रामीणों ने की मंडावर में चल रहे वैध पट्टे की आड़ में अवैध रेत खनन की शिकायत
कैराना (शामली)। यमुना नदी खादर क्षेत्र इन दिनों रेत माफियाओं के लिए वैध पट्टे की आड़ अवैध कमाई का जरिया बन गई हैं। रेत माफिया सक्रिय होकर मोटी कमाई कर रहे हैं। उनका नियम-कायदों- कानून व शासन की गाइड लाइन से कोई सरोकार नहीं है। हालांकि खनिज विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी जिला मुख्यालय पर बैठ जरूर इस बात का दावा कर रहे हैं कि अवैध तरीके से रेत का खनन नहीं कर सकते, लेकिन रेत खनन हेतु आवंटित गांव मंडावर खनन पॉइंट सहित कई जगह ऐसा हो रहा है।
    शासन-प्रशासन के नियम व शर्तों की अगर बात की जाए तो सूर्य के छिपने के साथ ही यमुना नदी से रेत खनन का कार्य बंद हो जाना चाहिए, लेकिन फिर भी ये माफिया थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। बेखोफ होकर ये रेत कारोबारी अपने धंधे को अंजाम दे रहे हैं। जिम्मेदारों की मेहरबानी के चलते कैराना तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव मंडावर सहित गांव ममौर व नंगला राई आदि में यमुना नदी पर रेत का अवैध कारोबार भली भांति फल-फूल रहा है।
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मंडावर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपा शिकायती-पत्र
खादर क्षेत्र के गांव मंडावर के ग्रामीणों ने बुधवार को जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जिलाधिकारी शामली जसजीत कौर को एक शिकायती प्रार्थना-पत्र सौंपते हुए बताया कि गांव मंडावर से यमुना नदी होकर गुजरती है जहां पर शासन-प्रशासन द्वारा रेत खनन हेतु पट्टा आवंटित किया हुआ है। पट्टा ठेकेदार वैध पट्टे की आड़ में अवैध रेत खनन कर रहे है। और साथ ही बांध के किनारे खड़े हरे-भरे वृक्षों को क्षतिग्रस्त कर रहे है। जब उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं तो वह गाली-गलौज व मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
         गांव मंडावर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से वैध पट्टे की आड़ मे हो रहे अवैध रेत खनन की जांच करा कर दोषी पाए जाने पर उसके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाये जाने की मांग की है।
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आखिर क्यों हैं जिम्मेदार मौन ?
तहसील क्षेत्र के गांव मंडावर सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्र में रेत खनन हेतु आवंटित यमुना नदी भूमि से दिन मे रेत कारोबारी यमुना नदी का सीना छलनी कर उसमें से रेत निकालते ही हैं, लेकिन अब तो कारोबारियों की हद ही हो गई और इन्होंने रात्रि में भी यमुना नदी को नोंचना बंद नहीं किया। यमुना नदी के अंदर अब भरपूर मात्रा में रेत है। रेत से होने वाली मोटी कमाई के लालच में इन लोगों की नजर अब यमुना नदी के किनारों पर पड़ गई है। अब ये माफिया यमुना नदी की कराड़े खोदकर उसके अस्तित्व के साथ खिलवाड़ कर अपनी कमाई कर रहे है।
            गांव के ग्राम प्रधान, पटवारी, कानूनगो व प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी भी इस अवैध खनन को रोकने के लिए आगे आ सकते हैं, लेकिन यह बात समझ से परे है कि आखिर इन कारोबारियों पर सख्त कार्यवाही क्यों नहीं होती। इसी का नतीजा है कि रेत माफिया छाती ठोंककर कहते हैं कि हमारा कुछ नहीं होना है, हमारी पहुंच बहुत दूर तक है।
       अब देखना है कि शासन-प्रशासन अवैध रेत खनन माफियाओ के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाता है या नहीं, यह आने वाला समय ही बताएगा जो समय के गर्भ में छिपा है।