अच्छा ऐसे बनता है गुड, गिलास और माचिस......

कैराना। प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ़ के कक्षा पांच के बच्चों को उनके परिवेश के आस पास का  भ्रमण कराया गया जिससे बच्चों के कौशल विकास ज्ञान मे बड़ा इजाफा हुआ। बच्चे गुड़ बनने की प्रक्रिया से लेकर रोजाना हर घर का चूल्हा जलाने वाली माचिस बनाने की विधि से रूबरू हुए। 
         प्रधानाध्यापक राकेश सैनी ने जैसे ही कक्षा पांच के बच्चों को सूचना दी की उनकी परीक्षा समाप्त हो चुकी है आज उनकी गहरी जानकारी के लिए उन्हें स्कूल के आस पास के परिवेश का भ्रमण कराया जाएगा तो बच्चों की ख़ुशी का ठिकाना न रहा। इस छोटी यात्रा को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए सहायक अध्यापक मोहनजीत सिंह का सहयोग लिया गया। इस ज्ञान यात्रा की शुरूआत पूर्व मंत्री बाबू हुक्म सिंह के मायापुर फ़ार्म हाउस से की गयी। यहांं बच्चों ने तरह तरह के पेड़ो के साथ साथ गाय की डेयरी से बड़ी मात्रा मे उत्तम दुग्ध उत्पादन की प्रक्रिया  समझा और देखा। बच्चों ने जाना गोबर गैस प्लांट के द्वारा गोबर से बनने वाली गैस को ईंधन के रूप मे कैसे प्रयोग किया जाता है उसके बाद बच्चों की ज्ञान यात्रा ने अलीपुर रोड पर एक गुड़ शक्कर बनाने वाले कोल्हू की ओर रूख किया। यहा बच्चों ने गन्ने से रस निकालने से लेकर गुड़ शक्कर बनाने की विधि का अवलोकन किया। कोल्हू मालिक ने बच्चों को ताजा बना गुड़ खिलवाया।
    तत्पश्चात बच्चों की ज्ञान यात्रा का काफिला कंडेला के निकट इंडस्ट्री एरिया पँहुचा। यहा सर्वप्रथम व्यापार मण्डल के उपाध्यक्ष अंकित गोयल की गिलास ,कप प्लेट बनाने वाली फेक्ट्री ऋतू इंडस्ट्रीज का अवलोकन किया। इंडस्ट्री के प्रबन्धक रणवीर सिंह ने बच्चों को गिलास आदि बनाने की पूरी विधि का अवलोकन कराया और बताया की किस तरह उनकी फेक्ट्री मे बने गिलास आदि अच्छे पर्यावरण मे सहायक हैं। 
    इंडस्ट्री के मालिक अंकित गोयल ने बच्चों के साथ उनके कॅरियर को लेकर बात की और बच्चों की पसन्द का नाश्ता भी कराया। 
       ज्ञान यात्रा का अगला और अंतिम पड़ाव प्रतिदिन हमारे घरो के चूल्हे जलाने वाली माचिस की फेक्ट्री अमर इस्प्लिन्ट मे था। फैक्ट्री के मालिक अनुज गर्ग के निर्देश पर उनके कर्मी जयप्रकाश शर्मा ने बच्चों को बड़ी बड़ी लकड़ी काटने से लेकर माचिस बनाने की पूरी विधि को समझाते हुए अवलोकन कराया । यहा भी अनुज गर्ग की ओर से बच्चों के सम्मान मे उन्हें उनकी रुचि का नाश्ता कराया गया। 
            धन्यवाद के साथ बच्चों के साथ हम अपने स्कूल लौट आये । पूरी ज्ञान यात्रा मे बच्चों की रुचि और उत्साह के कारण बच्चों के दिलो दिमाग पर इस ज्ञान यात्रा का गहरा और स्थाई असर जीवन भर बना रहेगा।