शादियों में फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाने का संकल्प


— कैराना में अकीदत के साथ अदा की ईद—उल—फितर की नमाज, अमन—चैन व भाईचारे की मांगी दुआ

कैराना। प्रेम और सौहार्द का प्रतीक ईद—उल—फितर का पर्व क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर ईदगाह सहित प्रमुख मस्जिदों में ईद की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। नमाज के उपरांत हजारों अकीदतमंदों ने एकसाथ खुदा की बारगाह में हाथ उठाकर देश में अमन—चैन, भाईचारा और खुशहाली की विशेष दुआ मांगी। ईदगाह में शादियों में फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाने का संकल्प लिया गया। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस, पीएसी व आरआरएफ के जवान तैनात रहे।
   शनिवार को नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ईद—उल—फितर का त्योहार परंपरागत हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से नगर की प्राचीन ईदगाह में जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना ताहिर हसन द्वारा हजारों मुसलमानों को ईद की नमाज अदा कराई गई। इससे पूर्व उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि शरीयत ने निकाह को सादा और आसान बनाया है। वर्तमान समय में शादियों में अनावश्यक रस्में बहुतायत हो गई है। 
          उन्होंने कहा कि हजरत पैगंबर साहब की जिंदगी और उनके निकाह देखें, कितने सादे हुए हैं। निकाह से बारात का कोई ताल्लुक नहीं हैं। लेकिन, अब हालात यह है कि निकाह को मुश्किल बना दिया गया है। शादियों में दहेज समेत बेतहाशा फिजूलखर्ची सरीखा जहर समाज में फैल चुका है। ऐसे में गरीब घर की लड़कियों के रिश्ता तय करने में परेशानियां उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि मालदारों को माल गरीबों की जरूरत पूरा करने के लिए दिया गया है। गरीबों का दर्द न समझें, यह इंसानियत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शरीयत के खिलाफ शादियां नाइत्तफाकी व परेशानी का सबब बनती है। शादियों में फिजूलखर्ची के खिलाफ मुहिम चलाने की आवश्यकता है। वहीं, हजारों लोगों ने हाथ ऊपर उठाकर शादी—निकाह में फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाने का संकल्प लिया। उन्होंने सादगी के निकाह का उदाहरण भी दिया है। वहीं, इसके अलावा मौलाना ने यह भी कहा कि अभिभावक अपनी बच्चियों को उच्च शिक्षा दिलाएं, इसमें मनाही नहीं हैं, लेकिन उन्हें बेहतर संस्कार अवश्य दें। साथ ही, हर वक्त निगरानी भी करें। उन्होंने भाईचारा और सौहार्द के साथ त्योहार मनाने का भी आह्वान किया। नमाज के उपरांत हजारों अकीदतमंदों ने देशभर में अमन—चैन, भाईचारा और खुशहाली की विशेष दुआएं मांगी।
      उधर, कस्बे की प्रमुख जामा मस्जिद समेत अनेक बड़ी मस्जिदों के साथ-साथ कस्बे के मुख्य पानीपत खटीमा-राजमार्ग पानीपत रोड पर स्थित मदरसा इशाअतुल इस्लाम वाली मस्जिद में मौलाना बरकतुल्ला अमीनी ने ईद-उल-फितर की विशेष नमाज अदा कराई।
          उक्त के अलावा क्षेत्र के गांव नंगलाराई, मोहम्मदपुर राई, रामड़ा, मन्नामाजरा आदि में भी ईद—उल—फितर की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई।