भक्ति प्रेम व भाव के बगैर नहीं मिलते भगवान : ब्रह्म स्वरूपानन्द

- मानव चेतना केंद्र आश्रम ग्राम ऊंचागांव में चल रही श्रीमद भागवत कथा
- भागवत कथा के छटे दिन महाराज ने किया प्रवचन
कैराना। मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही श्रीमद भागवत कथा में स्वामी ब्रह्म स्वरूपानन्द महाराज ने अपने प्रवचन में बताया की भगवान श्रद्धा, विश्वास ओर भाव से मिलते है। भगवान को सब मालूम है मनुष्य के मन में क्या है ओर बाहर क्या है। भगवान से कुछ छिपा नहीं है। गोपिया आँखो में आंसू लिए भगवान श्री कृष्ण से कहती है ज़ब तुम्हारे मन में मोह नहीं है तो तुम्हे अपना नाम मोहन रखा क्यों है।
      रविवार को कैराना क्षेत्र के ग्राम ऊंचागांव में स्थित मानव चेतना केंद्र आश्रम में चल रही श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन स्वामी विशुधानन्द महाराज के परम शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानंद महाराज ने बताया की जिसका मन शुद्ध होता है उनके मन में भगवान प्रवेश करते है। सत्य को धारण करने से मनुष्य को पूर्ण ज्ञान हो जाता है। भगवान सर्व व्यापक है, लेकिन उन्हें जब तक हम नहीं बुलाएंगे भगवान नहीं आएंगे। भगवान को भजन, कीर्तन, सत्संग करके बुलाना पड़ता है। महाराज ने बताया की भगवान पर भी सबको विश्वास नहीं होता, ऐसा हमारा पापी मन है। हमारे शरीर को चलाने वाला केवल भगवान है, लेकिन ये हमें दिखाई नहीं देता। जैसे पंखे को बिजली चला रही है लेकिन दिखाई नहीं देती। मनुष्य का तो केवल नाम होता है, लेकिन करने वाले तो केवल भगवान है। मनुष्य दान करता है तो  दिखाता है, लेकिन भगवान करते है ओर छिपाते है, दिखाते नहीं है। भगवान श्रद्धा, विश्वास ओर भाव से मिलते है। जब भगवान पुकारते है मनुष्य को आ जाना चाहिए, टाइम किसी के पास नहीं है टाइम तो निकालना पड़ेगा। 
         महाराज ने बताया की मानव जीवन केवल भगवान को प्राप्त करने के लिए मिला है। जिनका अंत्यकरण शुद्ध होता है उन्हें भगवान की प्राप्ति हो जाती है। गोपी भगवान श्री कृष्ण से कहती है अब संसार हमारे काम का नहीं रहा है, आप हमें अपने में विलीन कर लीजिये। गुरुदेव के बगैर भगवान नहीं मिलते है। जिनके अंदर अभिमान आ जाता है। उन्हें भगवान की प्राप्ति नहीं होती है। भगवान कृष्ण व बलराम का मथुरा में जाना माता यशोदा व गोपियों के आँखो में आंसू की कथा पर महाराज ने विशेष प्रशग किया, कथा को श्रवण कर रहे की आँखो से आंसू बहने लगे।       
        वही, सुन्दर भजनो के साथ कथा का समापन किया गया। गांव व दूर दराज से आश्रम में पहुचे सेकड़ो महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण की।