कुरआन की सूरत पढ़ने से होती है हिफाजत: मौलाना
कैराना। नगर के बड़े इमाम बारगाह में मोहर्रम की दूसरी मजलिस का आयोजन किया गया।
   शुक्रवार रात नगर के मोहल्ला अंसारियान में स्थित बड़े इमाम बारगाह में आयोजित मजलिस के दौरान माहिर हुसैन, कुर्रत मेहदी, आसिफ अली व हुसैन हैदर ने सोज ख्वानी तथा वसी हैदर साकी ने मर्सिया ख्वानी की। इस अवसर पर बरेली से आए मौलाना तंजीम हैदर ने पवित्र कुरआन की सूरह फील की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि मुश्किल वक्त में सूरह फील की तिलावत की जाती है, जिससे दुश्मनों से हिफाजत होती है और परेशानियां दूर हो जाती है। उन्होंने कहा कि अल्लाह ताला ने बड़े-बड़े जालिमों को छोटे-छोटे लश्करों द्वारा मिस्मार किया। नमरूद नामी जाबिर बादशाह को एक मच्छर ने खाक में मिला दिया। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के 72 जानिसारों की कुर्बानी पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
      मजलिस के उपरांत आगाज जाफरी, गुलजार जैदी व वसी हैदर साकी ने नोहाख्वानी की। इस अवसर पर रजी हैदर, अब्बास जैदी, गुलजार जैदी, अलीगोर जैदी, सरवर हुसैन, हाजी जफर अब्बास, मुमताज अली, काजिम हुसैन, हाजी शाहिद हुसैन, अलमदार हुसैन, शहजाद हुसैन, जाफर अब्बास, बाकर हुसैन, बिनिश अब्बास, डॉक्टर फरहत जैदी, चांद मियां, अतहर हुसैन, हुसैन हैदर, आसिफ हुसैन, शाह रजा जैदी, आसिफ हुसैन, असगर जैदी, इंतजार हुसैन, बुंदन मियां, अजहर हुसैन व मेहरबान अली आदि मौजूद रहे।
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