इंसान के अंदर अच्छाई का होना जरूरीः मौलाना
कैराना। नगर के बड़े इमामबारगाह व छोटे इमामबारगाह में मजलिसों का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मौलानाओं ने इमाम हुसैन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपने अंदर से बुराइयां दूर कर अच्छाइयां समेटने पर बल दिया गया।
   सोमवार की रात नगर के मोहल्ला अंसारियान में स्थित बड़े इमामबारगाह व छोटे इमामबारगाह में मजलिसांे का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़े इमामबारगाह में मुंबई से आए मौलाना असकरी हसन खां ने कहा कि हजरत अली अकबर शबीह-ए-पयंबर थे, जिनसे इमाम हुसैन बेपनाह मोहब्बत किया करते थे, लेकिन कर्बला के मैदान में जालिमों के द्वारा हजरत अली अकबर को शहीद कर दिया गया था। मौलाना ने का कि हमें सीरत-ए-हजरत अली अकबर पर चलना चाहिए और बुराइयों को दूर कर अच्छाइयों को अपने अंदर समेटना चाहिए। वहीं, छोटे इमामबारगाह में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना तंजीम हैदर ने कहा कि कर्बला अख्लाखियत और आपसी भाईचारे का भी पैगाम देती हैं तथा हम एवं ईमानदारी का साथ देने का जज्बा जगाती हैं। इसके बाद मौलाना ने कूफा में सफीरे हुसैन कहे जाने वाले इमाम हुसैन के भाई हजरत मुस्लिम की शहादत के बारे में प्रकाश डाला, जिसे सुनकर सोगवार भाव-विभोर हो गए। इस अवसर पर अली हैदर जैदी, वाकर हुसैन, शब्बू उर्फ शबी हैदर, अली अब्बास उर्फ छोटा, बब्बू जैदी, नब्बू जैदी, शाकिर हुसैन, जावेद रजा, फरमान जैदी, सदाकत हुसैन, रईस हैदर, शहजाद हुसैन, असगर हुसैन, अतहर हुसैन, अजहर हुसैन व मेहरबान अली आदि मौजूद रहे।
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