अंगद ने किया रावण के दरबार में युद्ध का ऐलान

कैराना। कस्बे में विगत वर्षो की भांंति इस वर्ष भी गौऊशाला भवन में श्री रामलीला महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ बनाया जा रहा है जिसमें रामलीला महोत्सव के 14वे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ नेत्र चिकित्सा डॉक्टर सपन कुमार गर्ग और नितिन गर्ग के द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया।
     शनिवार की रात्रि मे लीला मंचन के प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि श्री रामचंद्र जी, सुग्रीव जी और जामवंत जी को कहते हैं कि यह 100-योजन का पुल कैसे पर होगा जिस पर पुल को बनाने की योजना बनाई जाती है और सारी वानर सेना के सहयोग से पुल तैयार किया जाता है पुल तैयार होने के बाद रामचंद्र जी और वानर सेना लंका में पहुंच जाते हैं। और वहां जाकर भगवान शंकर की रामेश्वरम धाम की स्थापना के लिए विद्वान पंडित रावण को बुलाया जाता है। जो पूजा अर्चना के बाद रामेश्वरम धाम की स्थापना की जाती हैःः इसके उपरांत रामचंद्र जी तमाम वानर सेना से कहते हैं कि युद्ध प्रारंभ करने से पूर्व किसी दूत को भेज कर रावण को समझाया जाए जिस पर अंगद जी को दूत के तौर पर रावण के दरबार में भेजा जाता है।
     उधर, रावण अपनी तमाम सेना के साथ युद्ध की योजना बना रहे होते हैं। तभी वहां पर विभीषण और परस्त रावण को समझते हैं। कि श्री रामचंद्र जी साधारण मानव नहीं है। वह नारायण का अवतार है उनसे युद्ध करना गलत है। परंतु रावण नहीं मानता है और उन दोनों को अपने दरबार से बेज्जती करके भगा देता है, तो विभीषण जी सीधे राम दल में जाते हैं और रामचंद्र जी उन्हें लंका के राजा का राजतिलक करते हैं।
       वहीं, अंगद रावण के दरबार में पहुंच जाता है और रावण से कहता है कि ऐसा कृत्य न करें परंतु अभिमानी रावण नहीं मानता है और तभी अंगद रावण से कहता है कि मैं तेरे दरबार में अपना पैर जमाता हूं तुझे अपनी और अपनी सेना का प्रक्रम दिखाता हूं यदि तेरा कोई योद्धा मेरा पर हीला देगा अंगद कसम खाकर कहता है की जानकी जी को हरा देगा तभी रावण अपनी सेना और मेघनाथ को आदेश देता है इसका पैर उखाड़ कर फेंक दो परंतु कोई भी उसका पैर नहीं उखाड़ पाता है तभी रावण उसका पैर उखाड़ने के लिए खड़ा होता है तो अंगद कहता है कि यदि पैर पकड़ना है तो श्री राम के पकड़ मेरे पैर पकड़ने से तेरा उद्धार नहीं होगा और युद्ध का ऐलान करके चला जाता है l
         मंचन के दौरान राम का अभिनय सतीश प्रजापत, लक्ष्मण का अभिनय राकेश प्रजापत, सीता का अभिनय शिवम गोयल, हनुमान जी का आशु गर्ग, रावण का अभिनय सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट, विभीषण का अभिषेक भारद्वाज, अंगद का अमन गोयल, जामवंत का पियूष गर्ग, प्रस्त का सोनू कश्यप, साकी का राकेश गर्ग, प्रिंस व सूरज वर्मा, मेघनाथ का तुषार वर्मा, नल का देव गर्ग, निल का सौरभ कश्यप व  सुग्रीव का प्रमोद गोयल ने किया। रावण के दरबार में सन्नी व सागर मित्तल ने बहुत सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान दर्शको की भारी भीड़ रही l 
       इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर राम कुमार गुप्ता, राजेश नामदेव, संजू वर्मा, अभिषेक गोयल, अरविंद मित्तल, पंकज सिंघल, राकेश सप्रेटा, मनोज सिंघल, मोहनलाल आर्य, विजय नारायण तायल, सोनू नेता, सुशील सिंगल तथा श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट व महासचिव आलोक गर्ग आदि मौजूद रहे l
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