पत्रकारों के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव निंदनीय: जेजेए
👉 दिल्ली में पत्रकारों की गिरफ्तारी के तरीके एवं 15 पत्रकारों को बहिष्कृत करने के निर्णय का भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ ने किया विरोध
 
रांची। रांची मोहराबादी स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ(ट्रेड यूनियन) की झारखंड राज्य इकाई झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा दिल्ली में पत्रकारों की गिरफ़्तारी के तरीके को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन में शामिल पत्रकारों ने दिल्ली के पत्रकारों के आवास पर अपराधियों की भांति रेड किए जाने को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की। बड़ी संख्या में राजधानी रांची से जुटे पत्रकारों ने पत्रकारों के विरुद्ध दमनकारी नीति का जमकर विरोध किया। 
       बृहस्पतिवार को जेजेए प्रदेश अध्यक्ष अमरकांत ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी पत्रकारों के घर पर जिस प्रकार अपराधियों की भांति छापेमारी की गई उसकी कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं। उन्हों ने कहा कि वे पत्रकार हैं अग्रवादी अथवा आतंकवादी नहीं, यदि उनसे कोई गलती हुई हो तो कानून समत कार्यवाई होनी चाहिए।
भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के पत्रकार स्वामी दिव्यज्ञान ने अपने संबोधन में कहा कि हम दिल्ली में पत्रकारों की गिरफतरी के साथ साथ 15 पत्रकारों को बहिष्कृत करने का निर्णय भी दुर्भाग्यपूर्ण है जिसकी हम सभी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
        झारखंड जर्नालिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक सह भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (ट्रेड यूनियन) के राष्ट्रीय महासचिव शहनवाज़ हसन ने उच्चतम न्यायालय के निर्देष के आलोक में पत्रकारों के साथ अपराधियो की भांति व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। श्री हसन ने कहा कि पिछले एक दशक से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग लगातार संगठन कर रहा है। श्री हसन ने कहा कि आज हमें पत्रकार और पक्षकार के बीच एक लकीर खींचने की अव्यशक्ता है।
      शाहनवाज हसन ने दिल्ली के 15 न्यूज चैनल से जुड़े एंकरों को बहिष्कृत करने को भी दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह पत्रकारों को बांटने का प्रयास है जिसकी संघ कड़े शब्दों में निंदा करता है। उन्हों ने कहा कि पत्रकार संगठित होकर ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
     आज के धरना प्रदर्शन में बीएसपीएस के स्वामी दिव्यज्ञान, प्रदेश उपाध्यक्ष नवल किशोर सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष संजीत कुमार, उर्दू देनिक कौमी तंजीम के प्रबंधक मो एहसान, फारूकी तंजीम के संपादक गुलाम शाहिद, आशीष पांडेय, रंगनाथ मिश्रा, गुलाम शहीद, सैयद रामीज़, अजय पांडेय, असफर नवाज़,मो अमीर, रुचि शर्मा, अदिति सिंह, कृति सिंह, आसिफ़ नईम, संजय राय, रेहान, धीरज सिंह, कृष्णा, मोहन, आदिल हसन, अजय त्रिपाठी, मो शम्स सहित बड़ी संख्या में रांची के पत्रकार शामिल हुए।
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