👉 घरों, बगीचों, खेतों और खाद्य पदार्थों में छिड़के जाने वाले कीटनाशकों से पुरुषों की प्रजनन क्षमता घट रही है। इस वजह से दुनियाभर में 50 वर्षों के दौरान पुरुषों के स्पर्म काउंट में औसतन 50 फीसदी की गिरावट आई है।
पर्यावरण संबंधी पत्रिका इंवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले दे मुख्य कीटनाशकों पर प्रकाशित 25 अध्ययनों पर किए गए विश्लेषण में यह जानकारी सामने आई है।
वर्जीनिया के फेयरफैक्स में जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी में कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ की डीन और प्रमुख शोधार्थी मेलिसा पेरी ने कहा, कीटनाशकों की वजह से पिछले 50 वर्ष पुरुषों के लिए ठीक नहीं रही हैं। कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की वजह से पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या घट रही है। इन कीटनाशक का असर हो रहा सबसे ज्यादा शोधार्थियों ने बताया कि यह समस्या दुनियाभर में उपयोग में लाए जाने वाले दो मुख्य कीटनाशकों 'ऑर्गनोफॉस्फेट और एन-मिथाइल कार्बामेट्स' से जुड़ी है। इन कीटनाशकों के छिड़काव के लिए बनाए गए नियम नहीं माने जा रहे हैं। कई बार तो कीट पौधों में आते भी नहीं है और स्प्रे कर दिया जाता है।
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