हाईकोर्ट बेंच के लिए वकीलों का धरना, नारेबाजी



👉  ई—फाइलिंग सुविधा का भी किया विरोध
👉  बोले, पश्चिमी में बने हाईकोर्ट बेंच, समय से मिलेगा न्याय

कैराना (शामली)। पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर तहसील में अधिवक्ताओं ने सांकेतिक धरना दिया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी करते हुए ई—फाइलिंग सुविधा का भी विरोध किया। साथ ही, सरकार से बेंच की मांग की।
   बुधवार को जिला बार एसोसिएशन कैराना एट शामली के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद व महासचिव आलोक चौहान के नेतृत्व में दर्जनों अधिवक्ता कचहरी से नारेबाजी करते हुए तहसील मुख्यालय पर पहुंचे। जहां उन्होंने एसडीएम की गैरमौजूदगी में तहसीलदार कार्यालय के सामने सांकेतिक रूप से धरना दिया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि पांच दशक से भी अधिक समय से अधिवक्तागण पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग करते चले आ रहे हैं। कई बार आंदोलन भी किए जा चुके हैं, लेकिन सरकारों की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उप्र में करीब आठ करोड़ की जनसंख्या है, जिसमें करीब 80 लाख मुकदमे विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन चल रहे हैं। उच्च न्यायालय में भी मुकदमे विचाराधीन हैं। लेकिन, हाईकोर्ट करीब 800 किमी. दूर होने की वजह से वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल पा रहा है। देरी से मिला हुआ न्याय अन्याय के समान है।
     उन्होंने ई—फाइलिंग सुविधा का भी विरोध किया। कहा कि पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच बनने से वादकारियों को समय से न्याय मिलेगा और उनका हाईकोर्ट जाने में आने वाला खर्च तथा समय की भी बचत होगी। उन्होंने तहसीलदार से अधिवक्ताओं की बात सरकार तक पहुंचाने की बात कही। तहसीलदार ने आश्वासन दिया। इस दौरान इंतजार अहमद, जयपाल सिंह कश्यप, बाबूराम, रामकुमार वशिष्ठ, खड़क सिंह चौहान, नीरज चौहान, सालिम अली, आरिफ सिद्दीकी, आरिफ चौधरी, कृष्ण कुमार शर्मा, मोनू शर्मा, नायाब सिद्दीकी, आसिफ सिद्दीकी, गोविंद सिंह, विनय शर्मा, रवि वालिया, कय्यूम चौधरी, वसीम अहमद, सलमान चौधरी, शगुन मित्तल व सत्यवीर आदि अधिवक्तागण मौजूद रहे।