👉 शबबीय ताबूत बरामद, बाहरी अन्जुमनों ने की शिरकत
कैराना। कस्बे के मोहल्ला अंसारियान स्थित इमाम बारगाह खुर्द व कलां में 5 दिवसीय मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें मौलाना रईसुलहसन अजमेरी, मौलाना खुर्शीद आलम बंगाल, मौलाना सज्जाद रब्बानी दिल्ली, मौलाना नज़र मोहम्मद दिल्ली व मौलाना नज़फ आबदी मुजफ्फरनगर ने मजलिस को संबोधित किया। तथा मजलिस का कुशल संचालन मास्टर वसी हैदर साकी द्वारा किया गया।
मजलिस प्रारंभ होने से पूर्व मौलाना कमाल हसन ने तिलावत की। वहीं मौलाना नजफ़ ने कहा कि हुज़ूर-ए-अकरम हज़रत मोहम्मद ने फ़रमाया था कि बेटियां मां-बाप के लिए जिगर का टुकड़ा होती हैं बेटी एक जिगर का टुकड़ा है, वह फ़ातमा ज़ेहरा की ताज़ीम भी करते थे, मौलाना आबदी ने कहा कि चौदह सौ साल पहले बेटियां अरब में जहालत का दौर था और वहां बेटियों को ज़िंदा दफ़न कर दिया था फिर जब नबी-ए-करीम दुनिया में तशरीफ़ लाए तब जाकर लोगों ने अपनी बेटियों को इज़्ज़त की नज़र से देखा और उनकी इज़्ज़त करने लगे। बाद में बीबी फ़ातमा ज़ेहरा के मसआयब बयान किए गए। तथा शबबीय ताबूत बरामद किया गया जिसकी दूर दराज से आए लोगों ने ज़ियारत की। रात्रि में शब्बेदारी तथा मातमदारी की। जिसमें कैराना की अंजुमन फ़ैजे-ए-क़ायम के अलावा कस्बा जानसठ व कस्बा नानौता की अंजुमनों ने भी भाग लिया। मजलिस में अल्हाज कौसर ज़ैदी कैरानवी,अली हैदर जैदी, कुर्रत मैंदी, गुलज़ार अली, मौहम्मद आग़ा ने नौहाखवनी की।
वहीं, सालिम सिरसवी ने अपना मंज़ूम कलाम पेश किया। हुसैन हैदर, यावर अली व माहिर हुसैन ने सोज़खवानी की। मजलिस के समापन पर मौलाना रईसुउल हसन ने देश में अमन शांति अमनो अमान क़ायम रहे दुआ कराई।
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