👉 मुख्यमंत्री भी नहीं कर सके अपनी कराई जांच पर कार्यवाही
8 अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शामली में हुई चुनावी सभा में मास्टर विजय सिंह ने प्रदर्शन किया था जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीएम शामली को जांच कराने के आदेश दिये थे। एसडीएम ऊन सुरेन्द्र सिंह ने जांच कर रिपोर्ट डीएम को रिपोर्ट दी थी जिसमें सैकड़ो करोड़ की हजारों बीघा सार्वजनिक कृषि भूमि पर पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह का अवैध कब्जा साबित हुआ था। रिपोर्ट में ठाकुर जगत सिंह को भू-माफिया घोषित करने की संस्तुति भी की गई थी जिसके बाद डीएम शामली मौके पर पहुंचकर भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी थी।
मास्टर विजय सिंह का कहना है कि योगी ने शामली की भरी सभा में 8 अप्रैल 2019 को जो वायदा किया था उसके बाद दो साल तक सूबे का सीएम रहते भी उसे पूरा नहीं किया। सीएम योगी के 5 साल के कार्यकाल में मास्टर विजय सिंह अनेकों बार लखनऊ मुख्यमंत्री निवास जाकर सीएम योगी से मुलाकात का समय मांगा, परंतु कोई समय नहीं दिया गया।
👉 अखिलेश के आदेश पर गठित कमेटी ने भ्रष्टाचार के कारण नहीं की कार्यवाही
2012 में कृषि भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराने के लिए मास्टर विजय सिंह पद यात्रा करते हुए लखनऊ पहुंचे थे। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात कर भूमि कब्जा मुक्त कराने की मांग की थी, जिस पर जांच कमेटी गठित की गई लेकिन आरोपियों के सपा में चले जाने के कारण राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। जांच कमेटी आय का साधन मखोल बन कर रह गई थी।
👉 बसपा सरकार ने भी माना था अवैध कब्जा
बसपा सरकार के दौरान प्रमुख सचिव गृह ने कार्रवाई का आदेश दिया था जिस पर जिला प्रशासन ने 300 बीघा भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराई थी। बाद में कुछ नेताओं के भ्रष्टाचार व राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कार्रवाई पर विराम लगा था।
👉 अवैध हिरासत में रख अंजाम तक पहुंचाने का था इरादा
मास्टर विजय सिंह ने बताया कि सीएम योगी की कराई जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग के लिए वह 25 दिसंबर 2021 को लखनऊ गए थे। जब वह एक पत्र टाइप कराने जा रहे थे तो जीपीओ पर लखनऊ एलआइयू इंस्पेक्टर अश्वनी सिंह ने हजरत गंज कोतवाली पुलिस से उन्हें अवैध हिरासत में लिवा लिया था। कोतवाली पर उन्हें पांच घंटे तक अवैध हिरासत में रखा गया। एलआइयू इंस्पेक्टर का इरादा अच्छा नहीं था, लेकिन इस दौरान उनके एक पत्रकार ने कोतवाली पहुंचकर उन्हें छुड़वाया।
👉 धरना हटवाया व बेहूदा मुकदमा दर्ज कराया
भू-माफियाओं के समर्थन 19 सितंबर 2019 को तत्कालीन जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी ने मास्टर विजय सिंह से अभद्रता करते हुए 5 मिनट में कचहरी से धरना हटवा दिया तथा अंडरवियर सुखाने को लेकर महिला लज्जा भंग किया का बेहूदा मुकदमा दर्ज करा दिया था समाज में भाजपा की किरकिरी व नेताओं मीडिया सामाजिक संगठनों तथा जन सामान्य के भारी विरोध के चलते पुलिस ने मुकदमे को खारिज कर दिया था।
👉 आन्दोलन बना दुनिया का सबसे लम्बा धरना दुनिया का सबसे लंबा धरना रिकार्ड में हो चुका दर्ज, सार्वजनिक कृषि भूमि कब्जा मुक्त कराने की मांग के लिए विजय सिंह 28 साल से अनवरत धरना दे रहे हैं। उनका धरना लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स, एशिया बुक आफ रिकार्ड्स, इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स, वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया तथा मीरा सेल्स आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुका है।
👉 कमिश्नर एवं आईजी सीबीसीआइडी की जांच में भी हुई अवैध कब्जे की पुष्टि
मेरठ मंडल कमिश्नर एचएल बिरदी ने 1995 में सारे मामले की जांच कर घोटाले की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट प्रेषित की थी। आईजी सीबीसीआइडी ए.सी शर्मा पूर्व डीजीपी उप्र. ने जांच कर अवैध कब्जे की पुष्टि कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी।
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