यमुना से 700 बीघा तरबूज-खरबूजे की फसल बर्बाद

 


👉 बेमौसम बारिश के बाद यमुना में आया पानी बहा ले गया फसल, कई खेत हैं जलमग्न
👉 किसानों ने प्रशासन से की मुआवजे की मांग

कैराना(शामली)। बेमौसम बारिश ने खादर क्षेत्र के किसानों पर कहर बरपाया है। यमुना में पानी आने के बाद किसानों की करीब 700 बीघा तरबूज, खरबूजा, लौकी एवं खीरे की फसल बर्बाद हो गई। पानी के तेज बहाव में फसलें बह गई, तो कई खेत अभी तक जलमग्न हैं, जिनमें किसान फसलों को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। वहीं, किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।


   हाल ही में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। इसके बाद कैराना क्षेत्र से गुजरने वाली यमुना नदी के जलस्तर में भी एकाएक वृद्धि देखने को मिली, जिस कारण खादर क्षेत्र के किसानों को तबाही का दंश झेलना पड़ा। दरअसल, गांव मवी, रामड़ा और नंगलाराई आदि गांवों में यमुना किनारे तरबूज, खरबूजा, लौकी एवं खीरे की फसल तेज बहाव के कारण यमुना नदी में बह गई। इसके अलावा कई खेतों में फसल जलमग्न हैं, जिसे लेकर किसान बेहद चिंतित है। फिलहाल, जलस्तर बढ़ने के बाद कम हो रहा है, लेकिन किसान खेतों में भरे पानी को निकालने तथा फसलों को बचाने की जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। गांव मवी के प्रधान मित्रसेन व रामड़ा के प्रधानपति रमेश ने बताया कि यमुना नदी के किनारे पर किसानों की जमीन है। जहां उनके द्वारा खेती की जाती है। अब यमुना नदी में पानी आने के कारण करीब 700 बीघा प्लेज बर्बाद हो गई है।
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👉 मल्लाह बिरादरी के लोग लगाते हैं प्लेज
केवल मल्लाह एकता सेवा समिति के अध्यक्ष मुस्तकीम मल्लाह ने कहा कि उनकी बिरादरी के लोग ही अधिकतर प्लेज लगाते हैं। सालभर में एक बार प्लेज लगाकर परिवार का गुजर-बसर करते हैं, लेकिन उन्हें आए साल नुकसान झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि समाज की उपेक्षा के कारण उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाता है। उन्होंने नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिलवाए जाने की मांग की है।
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👉 इन्होंने कहा
ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के आंकलन के लिए टीमें लगाई गई है। यमुना नदी में पानी आने की सूचना नहीं है।
- अर्जुन सिंह चौहान, तहसीलदार कैराना।

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