कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना

👉 मंगलवार को हुआ 533 वें सुंदरकाण्ड का पाठ
कैराना (शामली)। मानव चेतना केंद्र आश्रम ऊंचागांव मे श्रीराम चरित्र  मानस सुंदरकांड के 533वें पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में सैंकड़ो श्रद्धालु शामिल हुए। मास्टर राधेश्याम ने श्रधांलुओं को प्रसाद वितरण करते हुए सभी को घर में हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया। 
        मंगलवार को कैराना क्षेत्र के ऊंचागांव में स्थित मानव चेतना केंद्र आश्रम मे श्रीराम चरित्र मानस सुंदरकांड के 533वां पाठ बड़ी धूमधाम से किया गया था। इस दौरान सर्व प्रथम हनुमान प्रतिमा व मंदिर को फूल मलाओ से सजाया गया। उसके तपश्चात हनुमान जी विशेष पूजा अर्चना की गई। आश्रम मे एकत्रित हुए।
        श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड प्रवक्ता मास्टऱ राधेश्याम शर्मा के साथ मिलकर श्रीराम चरित्र मानस सुंदरकांड का 533 वां पाठ किया। साथ ही राम भजन व हनुमान भजन करते हुवे श्रद्वालु झूमते नजर आये। लगभग तीन घंटे तक चले सुंदरकांड के पाठ को देखकर हर कोई राम नाम के नाम मे डूबा दिखाई दिया। इस दौरान हनुमान आरती के बाद श्रद्धालुओ को प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान गांव व बाहर से आए सेकडो श्रद्धालु मौजूद रहे।
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👉 हनुमान मंदिर की हुई थी स्थापना
मास्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया की मानव चेतना केंद्र आश्रम में श्री हनुमान मंदिर की स्थापना स्वामी विशुद्धानंद महाराज के परम् शिष्य स्वामी ब्रह्म स्वरूपानन्द महाराज के आशीर्वाद से 26 जनवरी सन 2014 में की गई थी। 28 जनवरी सन 2014 मे प्रथम श्रीराम चरित्र मानस सुंदरकांड का पाठ किया गया था। उन्होंने बताया की प्रभु श्रीराम व हनुमान जी के आशीर्वाद से यह पाठ लगातार हर मंगलवार किया जा रहा है। 09 अप्रैल सन 2024 को पुरे 533 पाठ हो गए है।
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👉 मनोकामना होती है पूर्ण
ग्रामीण लोगो का मानना है की ऊंचागांव मे स्थित मानव चेतना केंद्र की स्थापना करीब 39 वर्ष पूर्व स्वामी विशुद्धानंद महाराज ने की थी। इस आश्रम मे श्री बद्रीनाथ जी, श्री जगरनाथ जी, श्री रामेश्वर जी व श्री दुवारिकाधीस सहित चार धाम विराजमान है। इस आश्रम मे हनुमान मंदिर भी है। ओर साथ ही स्वामी विशुद्धानंद महाराज जी की प्रतिमा भी है। बताया जाता है जो श्रधांलु इन चारो धाम की परिक्रमा कर महाराज जी प्रतिमा को नमन करते हुवे हनुमान जी के मंदिर के सामने सच्चे दिल से कुछ मांग करता है उनकी मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है।
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