पानी की हर बूंद कीमती है...


आप ---
👉 जब सुबह ब्रश करते समय एक मग से ज्यादा पानी गिराते हैं। कुल्ले करने तक टूंटी चलती रहती है।
👉 जब सुबह टॉइलेट का इस्तेमाल करते समय एक बाल्टी से अधिक पानी गिराते हैं,
👉 जब बाहर आकर हाथ पर साबुन लगाते समय टूंटी खुल्ली छोड़ देते हैं।
👉 जब प्रतिदिन स्नान करने में एक बाल्टी से अधिक पानी गिराते हैं।
👉 जब घर में या बाहर कहीं पर भी खुले, अधखुले, टपकते नलों को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं,
👉 जब घर में या बाहर सौफ्ट ड्रिंक/कोल्ड ड्रिंक का मजा लेते हैं।
👉 जब घर, होटलों आदि जगहों पर जी भर कर शॉवर-बाथ टब में नहाते हैं।
👉 जब पाईप लगा कर अपने वाहन/भवन, फर्श आदि धोते हैं।
👉 जब सामाजिक पारिवारिक कार्यक्रमों में मुफ़्त मिलने वाली पैकेज्ड पानी की बोतलों को एक-एक घूंट पीकर या चलू कर कूड़ादान में फैंक देते हैं।
👉 जब अपने घर में 4-6 कपड़े धोने में वाशिंग मशीन में 40/50 लिटर पानी बहा देते हैं।
👉 जब आरओ का वेस्ट पानी संग्रह न करके उसका अन्य उपयोग नहीं करते।
    तब आप इस धरती के कई प्राणियों के हिस्से का पानी चुरा रहे होते हैं,उन्हें बून्द-बून्द के लिए तरसाने के पाप में भागीदार बन रहे होते हैं!इस पाप का कोई प्रायश्चित नहीं! इस पाप को करने से बचना ही श्रेयस्कर है।
     क्या आप जानते हैं कि अप्रैल 2018 में साउथ अफ्रीका के केपटाउन में पानी राशन में मिलने लगा और अप्रैल 2023 में उसकी मात्रा घटा दी गई है। 
         ऑस्ट्रेलिया के एक भाग में 2013 से 2019 तक 160000 ऊंट को जिंदा गोलियों से केवल पानी की कमी के कारण मार दिया गया। 
   भारत के लातूर चेन्नई और अब मार्च 2024 में बेंगलुरु में पानी की बहुत बड़ी समस्या हो चुकी है।
इसलिए आईये संकल्प लें कि-
हम आवश्यकता से अधिक पानी  बिलकुल भी नहीं बहाएंगे।
दूसरों का हिस्सा मार कर उन्हें बूँद-बूँद को नहीं तरसाएंगे, और समूचे देश को "लातूर" "चेन्नई" "बैंगलोर" होने से बचाएंगे। निश्चित रूप से ऐसा करके ही हम पानी सम्बंधित पापों से बच पाएंगे !

       मुस्तक़ीम मल्लाह  
 भागीरथ प्रयास से सम्मानित       
- जिला अधिकारी शामली 
- गार्जियन ऑफ रिवर पुरस्कार से सम्मानित
- मंडल आयुक्त सहारनपुर मंडल द्वारा जल संचय कार्य के लिये संम्मानित
- राष्ट्रीय अध्यक्ष केवट मल्लाह एकता सेवा समिति रजि.  
- सदस्य जिला गंगा समिति शामली
- सदस्य भू जल सेना शामली
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