श्रीराम जन्म पर अयोध्या में हुई बधाई, राम लक्ष्मण को संतो की रक्षा के लिए सौंपा गुरू विश्वामित्र को

कैराना (शामली)। कस्बे के देवी मंदिर रोड स्थित गौऊशाला भवन में चल रहे श्री रामलीला महोत्सव में चौथे दिन भगवान राम की लीला का मंचन किया गया। 
        सोमवार की रात्रि में कार्यक्रम का शुभारंभ हिमालय माडल स्कूल कैराना के डायरेक्टर जनक राज तिवारी द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि गुरू वशिष्ट महाराजा दशरथ के चारो बच्चो के नामकरण संस्कार करते हैं और राजा दशरथ के महल में बधाई गाई जाती हैं और खुशियां मनाई जाती है। 
     कार्यक्रम में दूसरे दृश्य में  दिखाया गया कि मारीच ओर सुबाहु आदि राक्षस तप और पूजा हवन कर रहे ऋषि विश्वामित्र जी और अन्य संतों को परेशान करता है। और उनके हवन कुंड में दुर्गंध आदि डाल देते हैं। और वहीं पर बैठकर मांस और मदिरा का सेवन करते हैं। जिससे तंग आकर विश्वामित्र जी विचार बनाते हैं कि क्यों ना सूर्यवंशी राजा दशरथ से विष्णु भगवान के अवतार भगवान राम और लक्ष्मण को मांग कर लाया जाए तो इन राक्षसों का उद्धार हो जाएगा और हमे हवन पूजन आदि करने में भी समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
     तीसरे दृश्य में दिखाया गया कि महाराजा दशरथ अपनी प्रजा के साथ अपने शाही दरबार में बैठे होते हैं और सभी दरबारियों से उनके कार्य की प्रगति आख्या लेते हैं और मंत्री सुमंत और खजांची को आदेश देते हैं कि अयोध्या का जो भी व्यक्ति अपने किसी सवाल को लेकर दरबार में समस्या को लेकर आए तो उसकी सभी समस्या का और सवाल का निस्तारण किया जाए। इसी दौरान महर्षि विश्वामित्र महाराजा दशरथ के दरबार में पहुंच जाते हैं और उन्हें सारा वृतांत बताते हुए भगवान राम और लक्ष्मण को अपने साथ जाने के लिए आज्ञा देते हैं परंतु महाराजा दशरथ पुत्र मोह में पढ़ते हुए कहते हैं कि आप मेरे पुत्रों को न ले जाकर मुझे अपने साथ ले चलो ताकि मैं आपकी रक्षा कर सकूं। इससे निराश होकर गुरु विश्वामित्र जी महल से वापस जाने का प्रयास करते हैं तभी वहां पर गुरु वशिष्ठ विश्वामित्र जी को रोकते हुए महाराजा दशरथ को उनके पुत्र राम और लक्ष्मण की शक्ति का एहसास कराते हुए गुरु वशिष्ठ दोनों पुत्रों को विश्वामित्र के साथ भेजने के लिए कहते हैं।  इस पर महाराजा दशरथ अपने दोनों पुत्रों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए और राक्षसों के उद्धार करते हुए संतो की रक्षा के लिए विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं।
        राम का अभिनय रोहित सैन, लक्ष्मण का शिवम गोयल, भरत का शुभ गर्ग, शत्रुघ्न का शिव शर्मा, महाराजा दशरथ का अभिनय ऋषिपाल शेरवाल, वशिष्ठ का अभिनय डा सुशील, सुमंत का अभिनय मास्टर अमित सैन, विश्वामित्र का अभिनय आशु गर्ग, मारीच का अभिनय अभिषेक भारद्वाज, सुबाहु का अमन गोयल, खजांची का राकेश वर्मा, फरियादियो का अभिनय सुनील कुमार, राकेश गर्ग, शिवम, धीरू, सनी, वाशु मित्तल, रोहित नामदेव, सोनू कश्यप, टीटू, आदित्य नामदेव, पुनीत गोयल ने किया। 
      उधर, कार्यक्रम के दौरान कलाकारों पर इनामो की बौछार लग गई। दशरथ का शाही दरबार सीनरी डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू ने सजाया। वही, सुरक्षा के दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात रहा l इस दौरान मुख्य रूप से श्री रामलीला कमेटी कैराना अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट, सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, डॉ रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, एडवोकेट शगुन मित्तल,विक्की, अभिषेक गोयल, विकास वर्मा, राहुल सिंघल, अश्विन सिंघल, विजय नारायण तायल, मनोज मित्तल सोनू नेता, विपुल कुमार जैन, पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ, जयपाल सिंह, सूरज वर्मा, अंकित जिंदल, सनी, डिंपल अग्रवाल, अमित सिंगल, प्रमोद गोयल, रोहित नामदेव, विराट नामदेव, राजेश सिंघल, कालू, तुषार वर्मा, पंडित मोहित, अभिषेक भारद्वाज, निक्की शर्मा व सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।
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