कैराना (शामली)। नगर की गौऊशाला भवन में चल रही श्रीरामलीला के 15 वें दिन लक्ष्मण के मूर्छा से उठने के पश्चात भगवान श्री रामचंद्र जी की सेना में खुशी की लहर दौड़ गई। मेघनाथ श्री राम के सेना पर विजय प्राप्त करने के लिए शत्रु नाशक यज्ञ करता है। लक्ष्मण यज्ञ पूर्ण होने से पहले ही मेघनाथ को युद्ध के लिए ललकारता है और युद्ध में मेघनाथ मारा जाता है। लक्ष्मण जी उनके अंगों को रावण के महलों में फेंक देते है और सिर रामा दल में ले आते हैं।
मेघनाथ की पत्नी सुलोचना अपने पति की मृत्यु से दुखी होकर सती होना चाहती है। सिर रामादाल में होने के कारण सुलोचना श्री राम जी के पास जाकर अपने पति के शीश को वापस मागती है। इसके पश्चात सुलोचना शीश लेकर सती हो जाती है। उधर रावण अपने भाई कुंभकरण को युद्ध में भेजता है इस पर कुंभकरण रामादल में दहशत फैला देता है। कुंभकरण भी रामचंद्र जी के हाथो से मर जाता है।
इस दौरान राम का अभिनय रोहित कुमार, लक्ष्मण का शिवम गोयल, रावण का अभिनय सभासद शगुन मित्तल एडवोकेट, सीता का अभिनय सागर मित्तल ने किया। इस अवसर पर श्री रामलीला कमेटी कैराना के अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप एडवोकेट सहित अन्य पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद रहे।
------