कैराना (शामली)। न्यायालय ने लोक सेवक पर हमला व गोवध अधिनियम समेत पांच अलग—अलग मामलों में आधा दर्जन दोषियों को सजा सुनाई गई।
वर्ष 2000 में थानाभवन थाने पर अहमदनगर निवासी सुरेंद्र कुमार के विरूद्ध धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ था। बृहस्पतिवार को दोषी को न्यायालय उठने तक की अवधि की सजा व एक हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया।
दूसरे मामले में वर्ष 1994 में सुरेश निवासी गांव पंजीठ के विरूद्ध कैराना कोतवाली पर लोक सेवक पर हमला और धमकी देने पर मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मामला कैराना स्थित न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था। बृहस्पतिवार को न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।
तीसरे मामले में वर्ष 2013 में एनडीपीएस एक्ट के तहत नवीन चौधरी निवासी नई बस्ती ईदगाह रोड के विरूद्ध कांधला थाने पर मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में मुजफ्फरनगर न्यायालय द्वारा दोषी को दो वर्ष के कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
चौथा मामला वर्ष 2007 का है, जिसमें गोवध अधिनियम के आरोप में कांधला थाने पर बागपत जिले के रमाला थाना क्षेत्र के गांव असारा निवासी इमरान को नामजद कराया गया था। कैराना स्थित न्यायालय ने दोषी को जेल में बिताई गई अवधि के कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
उधर, झिंझाना थाने पर यूनुस निवासी ख्वाजपुर व असलम निवासी बड़ा ख्वाजपुर के विरूद्ध खनन अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ था। मामले में न्यायालय द्वारा दोषियों को 12 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
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