क्या यह सम्मान /पुरस्कार बेचने-खरीदने का कुचक्र है ?

साहित्य समाज का दर्पण है - इस पंक्ति से ध्वनित होने वाले तथ्य से सम्भवतः हर सुधिजन परिचित हैं. यदि इसके साथ यह भी जोड़ दिया जाए कि साहित्यकार समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं तो अतिशयोक्ति न होगी।
         भारतेंदु युग में तो साहित्यकार ही पत्रकारिता के प्रमुख स्तम्भ रहे थे. ऐसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व समाज व राष्ट्र की अमूल्य धरोहर होते हैं अतः धीरे धीरे इन्हें सम्मानित किये जाने का सिलसिला आरंभ हुआ। यद्यपि साहित्यकारों के सम्मान को लेकर कभी गुटबाजी तो राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप लगते रहे हैं किंतु इंटरनेट के आरंभिक काल से ही जैसे-जैसे सेल्फ पब्लिशिंग साइट (ब्लॉगर, वर्ल्ड प्रेस, फेसबुक, नोशन प्रेस, अमेजन किंडल डायरेक्ट पब्लिशिंग किताबें आदि) का प्रचार प्रसार हुआ और अपनी रचनाओं के प्रिंट मीडिया में प्रकाशन के लिए तरसते लेखक गण को अपनी रचनाओं के प्रकाशन का आधार मिला, तभी से अनेक रजिस्टर्ड /गैर-रजिस्टर्ड साहित्यिक - सांस्कृतिक संस्थाओं ने रजिस्ट्रेशन फीस के आधार पर नवोदित /अपुरस्कृत लेखकों को सम्मानित करने का कार्यक्रम आरंभ कर दिया।
         सम्मान प्राप्ति के लिए अपनी उपलब्धियों के साथ साथ रजिस्ट्रेशन की मोटी फीस इन संस्थाओं द्वारा वसूली जाती है। फेसबुक पर ही अनेक ऐसे पेज, ग्रुप बनाये गए हैं। जैसे वंडर वूमेन अवार्ड, वूमेन अचीवर एक्सीलेंस अवार्ड, इंटरनेशनल वूमेन अचीवर अवार्ड जिनके द्वारा साहित्य, समाजसेवा, बिजनेस आदि क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मान देने के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की जाती हैं और संबंधित गूगल फॉर्म भरते समय आप जब रजिस्ट्रेशन फीस वाले कॉलम पर पहुंचते हैं तब आप को अनुभव होता है कि आप सम्मान के लिए प्रविष्टि नहीं भर रहे बल्कि सम्मान खरीदने की प्रक्रिया का हिस्सा बन रहे हैं। रजिस्ट्रेशन फीस कितनी हो सकती है? - इसका उदाहरण आप MAGIC BOOK OF RECORDS (A unit of Magic Book Of Records Foundation) द्वारा ऑफर किये गये सम्मान /पुरस्कार से संबंधित रजिस्ट्रेशन फीस से अंदाजा लगा सकते हैं -
👉purpose
👉Payment Link
👉GLOBAL ICON AWARD-₹65000
👉Honorary Doctorate Award-29999
👉BEST ACHIEVER'S AWARD-9999
👉APPLY NOW
👉Unique Award Class II-24999
👉Membership Fee-₹11000
इतनी ज्यादा रजिस्ट्रेशन फीस लेकर यह भव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं और छद्म प्रतिभा को समाचार-पत्रों के माध्यम से सुधीजन पर थोपने का प्रयास करते हैं। अतः आवश्यकता है ऐसे सम्मान /पुरस्कार वितरित करने वालों से सावधान रहकर अपने अपने क्षेत्र में ईमानदारी से, मौलिकता के साथ आगे बढ़ने की। प्रसिद्धि, कीर्ति और यश बहुत पुण्य प्रयासों के पश्चात प्राप्त होते हैं, उन्हें बेचने व खरीदने का कुचक्र कुछ समय के लिए तो कामयाब हो सकता है किंतु अंततः सत्य प्रकट होने पर मुंह दिखाने लायक भी नहीं छोड़ता है - मोटी रजिस्ट्रेशन फीस भरकर सम्मानित होने वालों को यह तथ्य समझना होगा । 
                       डॉ शिखा कौशिक नूतन 
                कांधला जनपद शामली (उत्तर प्रदेश)
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