👉 ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं और उनके कल्याण से जुड़ी निम्नलिखित मांगों को पूरा कराने की मांग
👉 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के नाम ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तरप्रदेश जनपद शामली के पदाधिकारियों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर सौंपा सात सूत्रीय ज्ञापन
कैराना (शामली)। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन से संबद्ध पत्रकार प्रदेश के सुदूर अंचलों में आम जनमानस की समस्याओं को उठाने और शासन-प्रशासन तक पहुंचाने तथा शासन की विकासोन्मुख प्राथमिकताओं को अपने अपने अखबार के माध्यम से ग्रामीणों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं, तथा कठिन परिस्थितियों में भी ग्रामीण पत्रकारिता को लोकतंत्र की सशक्त धारा को बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभा रहे है। अतः ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं और उनके कल्याण से जुड़ी निम्नलिखित मांगों पर शासन स्तर से गंभीरता से विचार कर पूरी कराने के लिए जिला महामंत्री सुधीर चौधरी के संग पत्रकारों ने तहसील कैराना में पहुंचकर। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा गया।
मंगलवार को तहसील कैराना में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तरप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय एवं जिला अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह पांचाल के निर्देश पर जिला महामंत्री सुधीर चौधरी ने संगठन के दर्जनभर पदाधिकारियों व सदस्यों सहित तहसील मुख्यालय पहुंचे। जहां उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम सात सूत्रीय ज्ञापन नायब तहसीलदार सतीश यादव को सौंपा गया। जिसमें ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश के लिए राज्य मुख्यालय लखनऊ में शासन की ओर से,अन्य संगठनों की भांति कार्यालय हेतु भवन का आवंटन दारुलसफा या ओसीआर में किया जाए। जिससे सुदूर जनपदों से आने वाले पत्रकारों को रुकने तथा प्रदेश स्तरीय बैठके करने की समस्या का निदान हो सके। मान्यता-प्राप्त पत्रकारों की तरह ही ग्रामीण पत्रकारों को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाए, ताकि वह और उनका परिवार मुफ्त कैशलेश इलाज करा सके। इस योजना में केवल अखबारों में कार्यरत संवाददाताओं को शामिल किया जाए, जिनकी सूची जिला सूचना कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। ग्रामीण पत्रकारों को शासन स्तर से बीमा योजना में शामिल किया जाए। साथ ही लंबे समय से आंचलिक पत्रकारिता कर रहे 60 वर्षीय बुजुर्ग ग्रामीण पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। इनकी सूची भी जिला सूचना कार्यालय के माध्यम से तैयार की जाए।ग्रामीण पत्रकारों के विरुद्ध कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व जिला पुलिस के किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनिवार्य रूप से जांच की जाए, ताकि पत्रकारों का अनावश्यक उत्पीड़न रोका जा सके। राज्य एवं जिला स्तर पर स्थायी समिति की भांति तहसील स्तर पर भी प्रशासनिक अफसरों के साथ ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें कराई जाएं। शासन के निर्देशानुसार ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के सभी संबंधित तहसील अध्यक्षों को इसमें अनिवार्य रूप से शामिल किया जाये। प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को किसान बीमा योजना की तरह तत्काल पांच लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाए। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाए, ताकि शोकग्रस्त परिवार को संकट की घड़ी में सहारा मिल सके।इसकी सूची भी जिला सूचना कार्यालय से तैयार की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकारों की शिनाख्त कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। इसके लिए जिला स्तर पर स्थायी समिति की बैठक बुलाकर असली और फर्जी पत्रकारों की पहचान की जाए तथा चिन्हित व्यक्तियों को नोटिस देकर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाए। जिसमें पत्रकार संगठन कैराना अध्यक्ष संदीप इन्सां, महराब चौधरी, इकबाल हसन, डा सलीम फारूकी, सालिम अंसारी, इरफान चौधरी, सन्नी गर्ग, आशीष सैनी, वाजिद अली, सलमान चौधरी, देवराज चौहान, स्वदेश पंवार व अनुज रावल एडवोकेट आदि शामिल रहें।
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